मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक हाल
ही में संसद द्वारा पारित किया गया है। यह विधेयक मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोगों
को मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल तथा सेवाएं उपलब्ध कराने की गारंटी देता है। यह विधेयक
यह भी सुनिश्चित करता है कि किसी भी मानसिक रोगी के साथ कोई भेदभाव न हो तथा उसे
प्रतिष्ठा के साथ जीने का अधिकार मिल सके। इसके अलावा यह विधेयक आत्महत्या को भी अपराध
मुक्त करता है।
प्रमुख प्रावधान
v मानसिक
स्वास्थ्य विधेयक के अनुसार सोच, मनोदशा, अनुभूति, तथा याददाश्त में उत्पन्न विकार जो जीवन के सामान्य कामों जैसे निर्णय
लेने व यथार्थ को पहचानने में कठिनाई उत्पन्न करते हैं मानसिक रोगों के अंतर्गत
आते हैं।
v यह विधेयक यह
सुनिश्चित करता है कि हर नागरिक को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तथा इसके उपचार की
सुविधाएं सरकार से मिले।
v विधेयक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मानसिक
रोगियों के लिए मुफ्त उपचार की सुविधा भी सुनिश्चित करता है।
v विधेयक यह
सुनिश्चित करता है कि मानसिक रोगियों के साथ लिंग, जाति, सामाजिक
श्रेणी व धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।
v यह विधेयक मानसिक
रोगियों को रोग, उपचार तथा मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में गोपनीयता रखने का अधिकार देता
है।
v मानसिक
स्वास्थ्य विधेयक मानसिक रोगी को अपने इलाज, इलाज के लिए अस्पताल तथा अपने प्रतिनिधि का चुनाव
करने हेतु अग्रिम निर्देश देने का अधिकार देता है।
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