वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट, 2015



 विश्व आर्थिक मंच द्वारा 15 अप्रैल को जारी 2015 वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का अच्छी तरह विकास करने के लिये विकासशील और उभरते आर्थिक समुदायों को नेटवर्क संबंधी बुनियादी संस्थापनों, प्रणाली और क्षमता निर्माण बढाना चाहिये।
विश्व आर्थिक मंच (WEF : World Economic Forum) तथा अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस स्कूल  इनसीड’(INSEAD) द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में आर्थिक उत्पादकता और सामाजिक विकास पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) के प्रभाव का मूल्यांकन करने हेतु वार्षिक आधार पर ‘वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट’(Global Information Technology Report)  साल 2001 से जारी की जा रही है।
इस रिपोर्ट के माध्यम से, विभिन्न राष्ट्रों के द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के प्रभावी प्रयोग संबंधी तत्परता का आकलन करने के लिए नेटवर्क तत्परता सूचकांक (Network Readiness Index, NRI) जारी किया जाता है जो निम्नलिखित आयामों पर आधारित होता है -
·          सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के लिए किसी राष्ट्र या समुदाय विशेष द्वारा प्रदान किया गया परिवेश (राजनीतिक और विनियामक वातावरण व्यापार और नवाचार वातावरण)।
·          सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित बुनियादी ढांचा व डिजिटल सामग्री तथा उसके अनुप्रयोग हेतु क्षमता और कौशल।
·           सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने में समुदाय के प्रमुख हिस्सेदारों (व्यक्तियों, व्यवसायियों एवं सरकारी उपभागों) की तत्परता।
·          सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रभावों (आर्थिक प्रभावों और सामाजिक प्रभावों) का मूल्यांकन।

वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्टः प्रमुख बिंदु

v  2015 के वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट में 143 देशों को कवर किया गया है। 
v  इस वर्ष रिपोर्ट का थीम है – समावेशी विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (ICTs for Inclusive Growth)।
v  रिपोर्ट के अनुसार नेटवर्क तत्परता सूचकांक  में शीर्ष पांच राष्ट्र क्रमशः हैं – फिनलैंड, सिंगापुर, स्वीडन, नीदरलैंड और नॉर्वे।
v  अमेरिका और जापान नेटवर्क तत्परता सूचकांक के शीर्ष दस राष्ट्रों में शामिल मात्र दो गैर-यूरोपीय राष्ट्र हैं।
v  ब्रिक्स देशों में रूस 41वें स्थान पर है, जबकि चीन 62वें स्थान पर, दक्षिण अफ्रीका 75वें स्थान पर, ब्राजील 84वें स्थान पर और भारत 89वें स्थान पर है।
v  रिपोर्ट के अनुसार, शहरी-ग्रामीण और अमीर-गरीब की बड़ी खाई की वजह से ब्रिक्स देशों में ज्यादातर लोग डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास का लाभ प्राप्त करने में असफल रहे हैं।
v  रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक जनसंख्या के एक छोटे हिस्से को ही इंटरनेट का सामाजिक आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहा है, जिससे राष्ट्रों के मध्य और राष्ट्र के भीतर डिजिटल डिवाइड बढ रहा है।
v  रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि विश्व में आधे से अधिक आबादी के पास मोबाइल फ़ोन नहीं हैं और जिन लोगों के पास मोबाइल फ़ोन है उनमें सिर्फ 39 प्रतिशत लोगों के मोबाइल फ़ोन इंटरनेट से जुड़े हुए हैं।

भारतीय संदर्भ में रिपोर्ट का महत्व

Ø  साल 2015 में नेटवर्क तत्परता सूचकांक  में भारत को 89वाँ स्थान प्रदान किया गया है।
Ø  भारत को साल 2014 में 83वें स्थान पर रखा गया था और 2013 में यह 68वें स्थान पर था। भारत की गिरती रैंकिंग सामाजिक तथा आर्थिक लाभ के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिक के फायदे उठाने की संभावना में कमजोरी को प्रदर्शित करती है।
Ø  सूचकांक  के प्रतिस्पर्धा और कम लागत के उप-सूचकांक के लिहाज से भारत को वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर रखा गया है। इसका कारण टेलीफोन और इंटरनेट बाजार में भारत की प्रगति है। वहीं कारोबार, नवोन्मेष माहौल, बुनियादी ढांचा और कौशल उपलब्धता में सुधार का आह्वान किया गया है।
Ø  रिपोर्ट के अनुसार, जिन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है वे हैं - नवोन्मेष माहौल (143 में 115वां स्थान), बुनियादी ढांचा (115वां स्थान) और कौशल उपलब्धता (102वां स्थान)।
Ø   रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी द्वारा देश की सकल अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास में उल्लेखनीय सुधार लाने की संभावना बहुत अधिक है।

रिपोर्ट का महत्व

·          इस रिपोर्ट में शामिल मापदंडों के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की ताकत और कमजोरियों का पता चलता है।
·          इन सूचनाओं के जरिए शैक्षणिक पिछड़ेपन का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार करते समय काफी मदद मिल सकती है।
·           इस सूचकांक के जरिए बेहतरी के लिए किसी देश द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की क्षमता का आकलन किया जाता है। 

विश्व आर्थिक मंच

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो पब्लिक प्राइवेट सहयोग के द्वारा विश्व की स्थिति सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी स्थापना 1971 में हुई थी।  डब्ल्यूईएफ वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट, ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट और ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट (Global Gender Gap Report) जैसी रिपोर्ट प्रकाशित करता है। इसके अलावा यह पर्यावरण, शिक्षा, व्यक्तिगत उद्योग और प्रौद्योगिकियों से संबंधित लैंडमार्क भी प्रदान करता है।





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