विश्व
बैंक ने भारत और दुनिया के सभी देशों को 3
जून 2016 को उनकी कमाई के आधार पर वर्गीकृत किया है। देशों
के समूहीकरण को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करने के लिए यह वर्गीकरण किया गया है। विश्व
बैंक की हाल में जारी हुई वर्ल्ड डेवलपमेंट इंडिकेटर 2016 रिपोर्ट मे इस नए वर्गीकरण को आधार
बनाया गया है।
नए
वर्गीकरण के मुताबिक जिन देशों की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 1,045 डॉलर से कम है उन्हें 'निम्न आय' वाला देश या अर्थव्यवस्था कहा जाएगा। वहीं
जिन देशों में यह आय 1,046
डॉलर से लेकर 4,125 डॉलर के बीच रहती है उन्हें 'निम्न मध्यम आय' देश कहा जाएगा। वहीं जिन देशों की जीएनआई 4,126 डॉलर से लेकर 12,735 डॉलर के बीच है वो 'उच्च मध्यम आय' अर्थव्यवस्था कहलाएगी और सबसे ऊपर दुनिया की उन अर्थव्यवस्थाओं को 'उच्च आय' अर्थव्यवस्था कहा जाएगा जहां जीएनआई 12,736 डॉलर से ऊपर रहती है।
विश्व
बैंक के अनुसार विश्व विकास संकेतकों से जुड़े प्रकाशनों में निम्न और मध्य आय
वाले देशों के लिए अब विकासशील शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। विश्लेषण संबंधी
उद्देश्यों के लिए अब भारत का वर्गीकरण निम्न मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर
किया गया है। सामान्य कार्यों के लिए विकासशील देश या विकासशील दुनिया शब्द का ही
प्रयोग किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र भारत समेत 159 देशों को विकासशील देशों की श्रेणी में रखता
है जबकि पूरा यूरोप, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड विकसित देशों की श्रेणी में आते हैं।
विकासशील
देश शब्द का उपयोग बंद करने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि इस शब्द की कोई
स्पष्ट व सर्वमान्य परिभाषा नहीं है, जिसके कारण मलेशिया और मालावी दोनों को विकासशील देश माना जाता है। 2014 में मलेशिया का सकल घरेलू उत्पाद 338.1 अरब डॉलर था, जबकि मालावी का 4.258 अरब डॉलर था। अब मलेशिया को उच्च मध्य
आय अर्थव्यवस्था और मालावी को निम्न आय अर्थव्यवस्था कहा जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
Ø अब भारत को 'निम्न मध्यम आय' वाले देशों में शामिल किया गया है। भारत के साथ ही पाकिस्तान व श्रीलंका भी इसी
श्रेणी में शामिल हैं। विदित हो कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 7.4 प्रतिशत तक बढ़ गई है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भारत की
प्रति व्यक्ति आय 86 हजार
879 रुपए से बढ़कर 93 हजार 293 रुपए हो गई है। भारत की कुल राष्ट्रीय आय
पिछले वर्ष के मुकाबले 7.5 प्रतिशत बढ़ गई है। 2015-16 के अनुमान के मुताबिक भारत की कुल आय 112 लाख करोड़ रुपए है जबकि 2014-15 में भारत की कुल आय 104 लाख करोड़ रुपए थी।
Ø अफगानिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल को निम्न आय श्रेणी में रखा गया है।
Ø ब्रिक्स देशों में चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भारत से
बेहतर श्रेणी में पहुंच गए हैं। इन देशों को 'उच्च मध्यम आय' श्रेणी में रखा गया है। चीन के साथ ही मेक्सिको को भी इसी श्रेणी में रखा गया है।
Ø अमेरिका, रूस और सिंगापुर को उच्च आय
वाली श्रेणी में रखा गया है।
प्रमुख संकेतक
नई
श्रेणियों का निर्धारण विश्व बैंक ने कई संकेतकों के आधार पर किया है।
इनमें मातृ मृत्यु दर, व्यापार
शुरू करने में लगने वाला समय, टैक्स कलेक्शन, स्टॉक मार्केट, बिजली उत्पादन व साफ-सफाई जैसे मानक शामिल हैं।
प्रमुख संकेतकों पर भारत और वैश्विक औसत
संकेतक
|
भारत
|
वैश्विक औसत
|
नया बिजनेस शुरू करने में समय
|
29
|
20
|
मातृ मृत्यु दर (2015)
|
174
|
216
|
कुल जीडीपी का शेयर बाजार में
पूंजीकरण (प्रतिशत)
|
76
|
94
|
सरकार द्वारा लिया गया टैक्स (जीडीपी
का प्रतिशत)
|
11
|
14
|
कुल जनसंख्या में श्रम बल (प्रतिशत)
|
54
|
63
|
राष्ट्रीय संरक्षित भूमि (प्रतिशत)
|
3.1
|
12.8
|
कुल जनसंख्या में शौचालय की सुविधा (प्रतिशत)
|
40
|
68
|
कुल बिजली पैदावार (बिलियन किलोवाट)
|
1,193
|
23,342
|
प्रति व्यक्ति ऊर्जा का इस्तेमाल
(किलोग्राम तेल)
|
606
|
1,894
|
Comments
Post a Comment