प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई 2016 को बलिया (उत्तर प्रदेश) में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ (PMUY) की शुरुआत की। इस योजना के तहत तीन साल के अंदर लगभग 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को परिवारों को गैस कनेक्शन मुफ्त दिया जाएगा। देश के इतिहास में पहली बार पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय निर्धनतम परिवारों की करोड़ों महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजना का कार्यान्वयन करेगा।
विदित हो कि 29 फरवरी 2016 को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में बीपीएल परिवारों की 1.5 करोड़ महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए 2000 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया था।
उद्देश्य
Ø  प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से गरीबों की जिंदगी बेहतर होगी। हर घर को धुंआरहित करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।
Ø  योजना का एक मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना भी है।
Ø  अशुद्ध ईंधन पर खाना पकाने की वजह से भारत में होने वाली मौतों की संख्या को कम करना भी इस योजना का लक्ष्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अनुमान के अनुसार भारत में 5 लाख लोगों की मृत्यु अस्वच्छ जीवाश्म ईंधन के कारण होती है।
Øजीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने में सहायता करना।
मुख्य बिंदु
§  योजना का कार्यान्वयन वित्त वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में किया जाएगा।
§  उज्‍ज्‍वला योजना के लिए केंद्र सरकार ने करीब 8,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
§  सरकार ने पहले वित्त वर्ष 2016-17 में उज्ज्वला योजना के कार्यान्वन के लिए 2,000 करोड़ रुपए का आबंटन किया है।
§  चालू वित्त वर्ष में करीब 1.5 करोड़ बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा।
§  योजना के तहत केंद्र सरकार पात्र बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 1,600 रुपए की वित्तीय सहायता देगी।
§  इस योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन परिवारों की महिलाओं के नाम पर दिया जाएगा।
§  केंद्र सरकार पात्र बीपीएल परिवारों की पहचान राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के परामर्श से करेगी।

§  इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए ‘Give-it-Up’ कैम्‍पेन के माध्यम से एलपीजी सब्सिडी में बचाए गए पैसे का इस्‍तेमाल किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अब तक लगभग 5,000 करोड़ रुपए से अधिक एलपीजी सब्सिडी में बचाए हैं। ‘Give-it-Up’ कैम्‍पेन के शुरू होने के बाद से करीब 1.13 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी है।

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