जीका वायरस (Zika virus)

                                       
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जीका वायरस के फैलाव पर दुनिया भर में आपात स्थिति घोषित कर दी है। उसने इसे असाधारण घटना बताया है। जीका वायरस से पहले डब्ल्यूएचओ ने साल 2014 में इबोला वायरस को वैश्विक आपात घोषित किया था। पश्चिमी अफ्रीका में फैले इस वायरस से 11 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

पिछले साल ब्राजील में जीका वायरस का आक्रमण हुआ था। इसके चलते वहां बड़ी संख्या में छोटे सिर वाले शिशुओं का जन्म हुआ था। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि अगले साल अमेरिकी देशों में जीका के 40 लाख मामले हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका के 22 देशों और क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया है, जहां जीका वायरस के स्थानीय स्तर पर संक्रमण का पता चला है। माना जा रहा है कि अमरीकियों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने की वजह से यह बीमारी वहां और तेजी से फैल रही है।
कारण
जीका वायरस 'एडीज' मच्छर से फैलता है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी एडीज मच्छर से ही फैलते हैं। जीका वायरस का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है। वायरस की वजह से बच्चे छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं। इसे माइक्रोसेफैली कहा जाता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। जिसमें बच्चे का दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है। इसका पहला मामला 1947 में अफ्रीकी देश युगांडा में सामने आया था।
लक्षण
मच्छरों से फैलने वाले जीका वायरस से गर्भस्थ शिशु में गड़बडि़यां होती हैं। यह वायरस जन्म संबंधी गंभीर विकृतियों के लिए जिम्मेदार है। जीका वायरस के संक्रमण से ग्रसित लोगों में या तो कोई लक्षण नहीं दिखते हैं या बुखार, चेहरे पर धब्बे, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द जैसे सामान्य लक्षण महसूस करते हैं।
उपचार
जीका वायरस का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है। बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नजर आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करना चाहिए। स्थिति में सुधार नहीं होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम।
भारत में पहल
डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और भारत से जीका वायरस के खिलाफ निगरानी बढ़ाने और एहतियातन कदम उठाने को कहा है। उसने इस क्षेत्र के देशों से अपनी प्रयोगशालाओं को वायरस की पहचान करने में सक्षम बनाने को कहा है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा आपात स्थिति घोषित किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने इस समस्या से लड़ने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए, जिनमें एक यात्रा परामर्श भी है, जो गर्भवती महिलाओं को प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा टालने या निरस्त करने की हिदायत देता है।
इसके तहत सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर इस बीमारी से जुड़ी सूचना के साथ संकेतक लगे होंगे। यात्रियों के प्रभावित देशों से लौटते समय और किसी तरह की बुखार संबंधी समस्या होने पर सीमाशुल्क अधिकारियों को रिपोर्ट करने को कहा जाएगा।
दिशनिर्देशों में कहा गया है कि भारत में इस बीमारी का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन जीका वायरस का संक्रमण फैलाने वाला मच्छर 'एडीज एजीप्टी' देश में व्याप्त हैं जो डेंगू वायरस भी फैलाते हैं। दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र भारत में किसी तरह के प्रकोप की जांच-पड़ताल के लिए नोडल एजेंसी का काम करेगा। 

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