उच्चतम
न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता
वाले सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने 19 नवंबर 2015 को
अपनी अनुशंसा वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंप दी। सातवां वेतन आयोग 2014 में गठित किया गया था। आयोग
ने वेतन और भत्तों की मद में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की अनुशंसा की है। यह अनुशंसा 1 जनवरी 2016 से
लागू की जाएगी।
मुख्य बिंदु
v सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपए प्रति माह निर्धारित किए जाने की
सिफारिश की गई है। सरकारी कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह करने की सिफारिश की गई है।
v 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत मूल
वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में 24 प्रतिशत वृद्धि की गई है।
v नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने
छठे वेतन आयोग की शुरू की गई ‘ग्रेड पे’ व्यवस्था
खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का पद अब
‘ग्रेड पे’ की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा।
v आयोग ने वेतन में वार्षिक 3 प्रतिशत की वृद्धि की व्यवस्था को
बरकरार रखा है। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए 2.57 के फिटमेंट-फैक्टर लागू करने की सिफारिश की है।
v 7वें वेतन आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने की
सिफारिश की है और इसके साथ ही कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा
योजना की शुरुआत करने की सिफारिश भी की है।
v 7वें वेतन आयोग ने सैन्य बलों की तर्ज
पर केंद्र सरकार के हर विभाग में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू किए जाने की
सिफारिश की है। आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा है कि ओआरओपी न सिर्फ सेना बल्कि
अर्धसैनिक बलों और सिविल सेवाओं में भी लागू किया जाए।
v मिलिट्री सर्विस पे 1000 से बढ़ाकर 3600 करने की सिफारिश की गई है। इसका फायदा
स्वायत्तशासी निकायों, विश्वविद्यालयों
और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मिलेगा।
v वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के
वेतन में वार्षिक 2
प्रतिशत वृद्धि की भी सिफारिश की है। ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई और जब कभी महंगाई
भत्ता (डीए) 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा तो ग्रेच्यूटी की
सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
v अल्प सेवा कमीशन के अधिकारियों को सेवा
के 7 से 10 वर्ष के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति होगी।
v संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति
(एमएसीपी) के तहत आयोग ने प्रस्ताव किया है कि जो कर्मचारी एमएसीपी या प्रथम 20 वर्ष की सेवा के बाद नियमित प्रोन्नति
के मानकों को पूरा नहीं करेंगे उन्हें वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं
मिलेगी। आयोग ने कार्य प्रदर्शन पर आधारित वेतन (पीआरपी) की भी सिफारिश की है जो
सभी दर्जे के कर्मचारियों के लिए होगी।
v कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार के
निकटतम व्यक्ति के लिए एकमुश्त मुआवजा की दरों में भी संशोधन का सुझाव दिया है जो
रक्षा बलों के कर्मचारियों और असैन्य कर्मचारियों व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों
के कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होगा।
इन
सिफारिशों से 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे जिसमें सैन्य बल और रेलवे के कर्मचारी
भी शामिल हैं। सिफारिशों के लागू होने से सरकारी
खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा जिसमें 28,450 करोड़ रुपये का भार रेलवे पर पड़ेगा। इन सिफारिशों के लागू होने से वेतन, भत्ते व पेंशन पर सरकार का खर्च सकल
घरेलू उत्पाद के 0.65 प्रतिशत के बराबर बढेगा जबकि छठे वेतन आयोग में 0.77 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान किया
गया था।
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