20 नवंबर 2015 को राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने नीतीश कुमार को राज्य के 35वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं
गोपनीयता की शपथ दिलायी। नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पांचवीं
बार शपथ लिया। मुख्यमंत्री के साथ 28 मंत्रियों को भी मंत्रिपरिषद् के सदस्य
के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गई। लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी
यादव को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।
8 नवंबर 2015 को भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित
चुनाव परिणाम में नीतीश कुमार नीत महागठबंधन को विधान सभा की कुल 243 सीटों में से 178 सीटें प्राप्त हुई थीं। इसके साथ ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में महागठबंधन की
सरकार पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में सफल रही थी। महागठबन्धन में शामिल राष्ट्रीय जनता
दल को 80, जनता दल (यूनाईटेड) को 71 तथा कांग्रेस को 27 सीटें प्राप्त हुईं।
इस
चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी को 53, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी को 2, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को 1 सीट पर विजय प्राप्त हुई। ध्यातव्य है
कि बिहार विधान सभा चुनाव पांच चरणों में संपन्न हुआ जिसमें 56.8% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग
किया।2.5% मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं)
बटन का उपयोग किया। बिहार राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 6,68,26,658 है।
नीतीश कुमार ने वर्ष 2000 में प्रथम बार बिहार
के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था किन्तु अल्पमत के कारण सात दिनों
के पश्चात अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2005 में दूसरी बार तथा
वर्ष 2010 में तीसरी बार उन्होंने राज्य के
मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया था।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने वर्ष 2014 में अपने पद से उस
वक्त इस्तीफा दे दिया था जब लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी (जनता दल यूनाईटेड) का प्रदर्शन निराशाजनक
रहा था। परिणामस्वरूप जीतन
राम मांझी 20 मई 2014 से 22 फरवरी 2015 तक बिहार के
मुख्यमंत्री रहे। जीतनराम मांझी द्वारा पार्टी से अलग होने के पश्चात इन्होंने 22 फरवरी, 2015 को चौथी बार बिहार
के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया।
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