आसियान शिखर सम्मेलन और भारत


दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन यानी आसियान के 27वें शिखर सम्मेलन का आयोजन 18 से 22 नवम्बर 2015 तक मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में हुआ। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मलेशिया का तीन दिवसीय दौरा किया तथा 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 10वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।
दस सदस्यीय संगठन आसियान  के सदस्य देशों ने कुआलालम्पुर में सम्पन्न शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ की तर्ज पर एक क्षेत्रीय आर्थिक ब्लॉक आसियान आर्थिक समुदाय स्थापित करने की घोषणा 22 नवम्बर 2015 को की। आसियान  के दस सदस्य देशों में सिंगापुर, ब्रूनेई, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपींस, इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। आसियान की स्थापना 8 अगस्त  1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।  
प्रस्तावित आसियान आर्थिक समुदाय को आसियान क्षेत्र में एक एकल बाजार स्थापित करने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा जिससे इस बेहद प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में सामान व उत्पादों की आवाजाही सुगम हो जाएगी तथा कुशल कारीगरों का स्थानांतरण आसान हो जाएगा। इस आर्थिक ब्लॉक के तहत 62 करोड़ की विशाल जनसंख्या तथा कुल 2.4 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के बाजार को एक सूत्र में बांधा जा सकेगा। इससे जहां दक्षिण पूर्व एशिया की विविध अर्थव्यवस्थाओं के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा, वहीं इससे क्षेत्र में आपसी सहयोग का भी दायरा बढ़ेगा।
आसियान शिखर सम्मेलन के साथ ही 10वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) का आयोजन 22 नवंबर 2015 को कुआलालम्पुर में किया गया। वर्ष 2015 के शिखर सम्मेलन का विषय हमारे लोग, हमारा समुदाय, हमारा विजन था। वर्ष 2015 के पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पूर्व एशिया में शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना था।
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। आसियान के सदस्य देशों, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के शासनाध्यक्षों ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

इसके अतिरिक्त 21 नवंबर 2015 को 13वें आसियान-भारतीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में आतंकवाद, व्यापार और दक्षिण चीन सागर विवाद पर चर्चा की गई। म्यांमार में संपन्न 12वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी की 'एक्ट ईस्टनीति के तहत आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी को और गति मिली थी। सेवाओं और निवेश समझौतों में आसियान-भारत व्यापार के लागू होने के बाद आसियान-भारत आर्थिक एकीकरण की प्रक्रिया को इस वर्ष जुलाई में आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र के गठन से बढ़ावा मिला। इस सम्मेलन में रणनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में आसियान-भारत सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की गई। 

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