8 अगस्त 2015 को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ.
नजमा हेपतुल्ला ने अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों की शैक्षिक और जीविकोपार्जन की जरूरतों में
सहायता प्रदान करने हेतु नई केंद्रीय योजना ‘नई मंजिल योजना’ का शुभारंभ पटना में किया। यह योजना अल्पसंख्यकों की शिक्षा में आने
वाली रूकावट को कम करने के लिए बनाई गई है। इस योजना में सभी अल्पसंख्यक समुदायों
के 17 से 35 वर्ष के आयु समूह के लोगों के साथ-साथ मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों
को शामिल किया जाएगा।
यह योजना ऐसे अल्पसंख्यक छात्रों के लिए है
जिन्होंने आठवीं या दसवीं कक्षा में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और अभी बेरोजगार
हैं। उनके पास शिक्षा का कोई उचित प्रमाण पत्र नहीं है। उन्हें डिग्री कोर्स के
लिए कॉलेज या अन्य किसी संस्था में प्रवेश नहीं मिलता है। उन अल्पसंख्यक छात्रों
की सुविधा के लिए यह योजना शुरू की गई है।
इस
योजना के अंतर्गत एक कोर्स शुरू किया जाएगा जो नौ माह से एक वर्ष का होगा। इस कोर्स में अल्पसंख्यक छात्रों की योग्यता को
निखारा जाएगा और उन्हें अन्य छात्रों की तरह बोर्ड परीक्षा देने योग्य बनाया जाएगा
और यह कोर्स देश के सभी विश्वविद्यालयों में मान्य होगा। इस योजना के जरिये अल्पसंख्यक छात्र अपनी रूचि
के अनुसार कॉलेज में दाखिला ले सकेंगे।
यह
योजना देश में अल्पसंख्यक समुदायों की प्रगति और सशक्तीकरण के संबंध में समग्र
दृष्टिकोण एवं अल्पसंख्यकों के कल्याण में सुधार लाने के लिए प्रारंभ की गई है। गौरतलब है कि इसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री
द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 के
बजट भाषण में की गई थी।
Comments
Post a Comment