भुगतान बैंक


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 19 अगस्त 2015 को 11 आवेदकों को भुगतान बैंक (payments banks) की सेवाएं शुरू करने की सैद्धांतिक तौर परमंजूरी दे दी। आरबीआई ने कहा है कि भविष्य में ऐसे बैंकों के लिए कभी भी आवेदन किए जा सकते हैं। इससे बैंकिंग प्रणाली में और अधिक धन आयेगा तथा ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा। ज्ञातव्य हो कि आरबीआई के निदेशक मंडल के सदस्य नचिकेत मोर की अध्यक्षता वाली समिति ने भुगतान बैंक के गठन की सिफारिश की थी।
संबंधित तथ्य
·         इस श्रेणी के बैंकों को सिर्फ भुगतान करने का अधिकार होगा। भुगतान बैंक ग्राहकों को उधार नहीं दे सकते हैं।
·         ये अपने प्रतिनिधियों, एटीएम व शाखाओं से नकदी का भुगतान करने का काम करेंगे। साथ ही पैसे को एक जगह से दूसरे जगह किसी और को भुगतान भी कर सकेंगे।
·         इन्हें इंटरनेट के जरिए भुगतान सुविधा देने की भी छूट होगी। ये किसी दूसरे वाणिज्यिक बैंक के प्रतिनिधि भुगतान बैंक बनने का भी काम कर सकते हैं लेकिन इन्हें किसी भी ग्राहक के खाते में एक लाख रुपए तक की राशि ही रखने की आजादी होगी।
·         इनका पूंजी आधार 100 करोड़ रुपए का होगा।
·         भुगतान बैंक को अपने निवेश का 75 फीसदी हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना होगा।
·         बैंकिंग कानून के मुताबिक इन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लाने की भी छूट होगी।
·         एनबीएफसी, कॉरपोरेट बैंकिंग प्रतिनिधि, मोबाइल टेलीफोन कंपनी, सुपर मार्केट, सरकारी कंपनियां तथा अन्य वाणिज्यिक बैंकों के द्वारा भुगतान बैंक खोला जा सकता है।
मंजूरी प्राप्तकर्ता संस्थानों व्यक्तियों की सूची
-          आदित्य बिड़ला नूवो
-          एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसेज
-          चोलमण्डलम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसेज
-          डाक विभाग (इण्डिया पोस्ट)
-           फिनो पे-टेक
-          नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) 
-          रिलायंस इण्डस्ट्रीज
-          टेक महिन्द्रा
-          वोडाफोन एम पैसा
-          दिलीप सांघवी (सन फार्मा)

-          विजय एस. शर्मा (पेटीएम)

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