प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 अगस्त 2015 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा पर रहे। नरेंद्र मोदी पिछले 34 वर्षों में यूएई की यात्रा पर जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले वर्ष 1981 में इंदिरा गांधी ने यूएई का दौरा किया था। दोनों देशों ने 17 अगस्त 2015 को एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया। यह संयुक्त वक्तव्य अबु धाबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा यूएई के युवराज मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान की मुलाकात के बाद जारी किया गया।
मुख्य बिंदु
v  आपसी विकास तथा उत्तरदायित्व को बढ़ाने हेतु 21वीं सदी में सहयोग को और मजबूत करने हेतु विभिन्न मुद्दों पर सहमति दर्ज की गई।
v  व्यापक सामरिक भागीदारी द्वारा भारत-संयुक्त अरब अमीरात के संबंधों में बढ़ोतरी करना। रक्षा संबंधों में सुधार हेतु नियमित रूप से नौसेना, वायु, थल सेना और विशेष बलों के प्रशिक्षण द्वारा तटीय रक्षा में सुधार करना।
v  कट्टरता और धर्म का दुरुपयोग करके घृणा फैलाने वाले गुटों तथा आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु संयुक्त प्रयास किये जायेंगे।
v  कानून प्रवर्तन, काले धन के खिलाफ कड़ी कारवाईनशीले पदार्थों की तस्करी, अन्तर्राष्ट्रीय अपराध, प्रत्यर्पण की व्यवस्था एवं पुलिस प्रशिक्षण के लिए संयुक्त रूप से कार्य करना।
v  इंटरनेट के दुरूपयोग पर रोकथाम सहित साइबर सुरक्षा में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना।
v  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच एक संवाद स्थापित करना।
v  खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोग को बढ़ावा देना।
v  प्राकृतिक आपदाओं और संघर्ष स्थितियों में मानवीय सहायता और निकासी के लिए सहयोग और आपसी कार्यक्षेत्र को बढ़ावा देना।
v  यूएई और भारत के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 75 बिलियन डॉलर के निवेश कोष की स्थापना की जाएगी जिसका उद्देश्य भारत में रेलवे, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डों और औद्योगिक गलियारों का विकास करना है।

v  दोनों देशों के बीच व्यापार को अगले पांच वर्षों में 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।

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