भारतीय परिवारों के लिए रसोई एवं प्रकाश के ऊर्जा स्रोत


भारतीय परिवारों के लिए रसोई एवं प्रकाश हेतु ऊर्जा पर राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के 68वें दौर के आंकड़े 29 जुलाई  2015 को जारी किए गए। ये आंकड़े वर्ष 2011-12 के दौरान एनएसएसओ द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण से संबंधित हैं।
मुख्य बिंदु
·         ग्रामीण भारत के दो-तिहाई (67.3 प्रतिशत) परिवार अभी भी खाना पकाने के लिए लकड़ी एवं चिप्स का इस्तेमाल करते हैं जबकि केवल 15 प्रतिशत परिवारों द्वारा ही रसोई गैस का इस्तेमाल किया जाता है।
·         शहरी क्षेत्रों के 68.4 प्रतिशत परिवार खाना पकाने के लिए रसोई गैस  का इस्तेमाल करते हैं। शहरी क्षेत्र के 14 प्रतिशत परिवारों द्वारा लकड़ी एवं चिप्स का और 5.7 प्रतिशत परिवारों द्वारा किरोसीन का उपयोग किया जाता है जबकि 6.9 प्रतिशत परिवारों के पास रसोई बनाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।
·         ग्रामीण भारत में रसोई के लिए रसोई गैस के उपयोग में तमिलनाडु (37.2%), केरल (30.8%) एवं पंजाब (30.5%) अग्रणी राज्य हैं जबकि छत्तीसगढ़ (1.5%), झारखंड (2.9%) और उड़ीसा (3.9%) के ग्रामीण परिवारों में रसोई के लिए रसोई गैस का उपयोग सबसे कम है।
·         नगरीय परिवारों में रसोई के लिए रसोई गैस का उपयोग में हरियाणा (86.5%), आंध्र प्रदेश (77.3%), पंजाब (75.4%) एवं महाराष्ट्र (74.5%) अग्रणी राज्य हैं जबकि नगरीय परिवारों में रसोई के लिए रसोई गैस का उपयोग सबसे कम छत्तीसगढ़ (39.8% परिवारों) में होता है।

·         अखिल भारतीय स्तर पर 72.7% ग्रामीण परिवारों एवं 96.1% नगरीय परिवारों ने प्रकाश के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रूप में विद्युत का उपयोग किया।

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