दिल्ली
के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 41,500 करोड़ रुपये का दिल्ली बजट विधानसभा
में 25
जून 2015 को
पेश किया। इस बजट को पहला 'स्वराज बजट'
नाम
दिया गया जो भारत का पहला भागीदारी बजट है।
मुख्य विशेताएँ
v 19 हजार करोड़ रुपये योजना मद और 22 हजार 129 करोड़ रुपये गैर योजना खर्च के लिए
रखे गये हैं जबकि 371 करोड़ रुपये का अधिशेष रहेगा।
v सरकार का ध्यान कर वसूली तंत्र को
सुधारकर राजधानी को चिकित्सा हब और विश्व स्तर का कौशल केंद्र बनाने पर रहेगा।
v दिल्ली के सभी कॉलेजों और ग्रामीण
क्षेत्रों में 50 करोड़ के खर्च से मुफ्त वाई-फाई सुविधा मुहैया
कराने की घोषणा की गई है।
v बजट में 253 करोड़ रुपये के प्रावधान से स्वराज
फंड बनाने की घोषणा की गयी है जिससे 11 विधानसभाओं में पायलट तौर पर
प्राथमिकता के आधार पर वहां के नागरिक अपनी जरूरतों के हिसाब से खर्च करा सकेंगे।
v सिनेमा देखने पर लगने वाले मनोरंजन कर
को 20 से
बढ़ाकर 40 प्रतिशत और विलासिता कर 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
v राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम
के लिए हल्के वाणिज्यिक वाहनों के प्रत्येक बार दिल्ली में आने पर सौ रुपये,
चार
से चौदह चक्कों वाले ट्रक पर पांच सौ से लेकर 1500 रुपये तक का शुल्क लगाया गया है।
v बैटरी से चलने वाले दो पहिया और चार पहिया
वाहनों की खरीद पर 1000 से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की सब्सिडी देने का
प्रावधान है।
v शिक्षा क्षेत्र के लिये 9836 करोड़ रुपए की राशि आवंटित का गई है। चालू
वित्त वर्ष के दौरान 20 हजार नये शिक्षकों की नियुक्ति,
सभी
सरकारी स्कूलों के प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी कैमरा,
तीन
नये आईआईटी, पांच पॉलिटेक्निक और कौशल विश्वविद्यालय खोलने
का प्रावधान किया गया है।
v 50 स्कूलों को वर्ष 2015-16 मॉडल सुविधायुक्त स्कूल बनाया जायेगा।
v दिल्ली के हर जिले में विकास कार्यों और
सार्वजनिक संपत्ति के रखरखाव के लिये एक नई एजेंसी ‘दिल्ली शहरी विकास एजेंसी (डीयूडीए)
बनाने का प्रस्ताव है।
v स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 4,787 करोड़ रुपये का आवंटन किया किया गया
है।
Comments
Post a Comment