2 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था

विश्व बैंक द्वारा 2 जुलाई 2015 को जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2.06 ट्रिलियन डॉलर हो गया। वर्ष 2013 में भारत की जीडीपी 1.86 ट्रिलियन डॉलर थी। उल्लेखनीय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने में 60 वर्ष लगे थे जबकि इसे 1 से 2 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंचने में मात्र 7 वर्ष लगे।

विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, जीडीपी  के आधार पर विश्व की दस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं क्रमशः हैं- अमेरिका (17.4 ट्रिलियन डॉलर), चीन (10.3 ट्रिलियन डॉलर), जापान (4.6 ट्रिलियन डॉलर), जर्मनी (3.8 ट्रिलियन डॉलर), यू.के. (2.9 ट्रिलियन डॉलर), फ्रांस (2.8 ट्रिलियन डॉलर),  ब्राजील (2.3 ट्रिलियन डॉलर) इटली (2.1 ट्रिलियन डॉलर),  भारत (2.06 ट्रिलियन डॉलर) तथा रूस (1.8 ट्रिलियन डॉलर)।

विश्व बैंक के आंकड़ों में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत की प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय भी वर्ष 2013 के 1560 डॉलर के स्तर से बढ़कर वर्ष 2014 में 1610 डॉलर के स्तर पर पहुंच गयी है। यद्यपि भारत की प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई है फिर भी यह अभी भी निम्न मध्यम आयश्रेणी के अंतर्गत बना हुआ है।

विश्व बैंक के अनुसार विश्व के सभी देशों को (विश्व बैंक के सभी सदस्य देश तथा 30000 से अधिक जनसंख्या वाले देश) प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय के आधार पर मुख्यतः तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है -
1. निम्न आय -1045 डॉलर या इससे कम आय
2. मध्यम आय -1045 डॉलर से अधिक लेकिन 12736 डॉलर से कम
- निम्न मध्यम आय -1046 डॉलर से अधिक 4125 डॉलर से कम
- उच्च मध्यम आय -4126 डॉलर से अधिक 12735 डॉलर से कम
3. उच्च आय -12736 डॉलर या इससे अधिक


विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार विश्व का सबसे कम प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय वाला देश मलावी है। इस दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश की प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय 250 डॉलर है। वहीं, विश्व का सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला देश मोनाको  है और इसकी प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय आय एक लाख डॉलर से अधिक है।

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