एनसीडीईएक्स ने स्वर्ण अनुबंध हेतु गोल्ड नाउ प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत की


 नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने मेक इन इंडियाऔर गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना को ध्यान में रखते हुए 27 मई 2015 को गोल्ड नाउ नाम से सोने का वायदा अनुबंध शुरु किया है। इस अनुबंध के तहत घरों में रखे सोने का कारोबार किया जा सकता है। अनुमानतः 20,000 मीट्रिक टन स्वर्ण भारत के मंदिरों, ट्रस्ट तथा लोगों के घरों में मौजूद है। यदि इसे प्रभावी तरीके से लागू किया गया तो देश में स्वर्ण आयात की आवश्यकता काफी हद तक कम हो सकती है।

गोल्ड नाउ की विशेषताएं
-    यह भारत में निर्मित स्वर्ण को देश में ही खरीदने तथा बेचने के लिए बनाया गया है।
-    इसके तहत ग्राहक से तयशुदा अनुबंध के तहत डिलीवरी अनिवार्य होगी।
-     डिलीवरी के लिए 100 ग्राम से 1 किलोग्राम तक स्वर्ण मंगाया जा सकता है।
-    देश में डिलीवरी के छह केंद्र होंगे -  दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोचीन तथा चेन्नई।

स्वर्ण मौद्रीकरण योजना  

 परिवारों और विभिन्न संस्थानों के पास रखे सोने को आर्थिक उपयोग में लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय द्वारा 19 मई 2015 को स्वर्ण मौद्रीकरण योजनाका प्रस्ताव रखा गया। इसके तहत कोई व्यक्ति या संस्थान सोने को बैंकों में जमा कर ब्याज प्राप्त कर सकता हैं। स्वर्ण जमा पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होगा।

प्रमुख बिंदु:
·         प्रस्ताव के प्रारूप के अनुसार, किसी व्यक्ति या संस्थान के पास यदि अतिरिक्त सोना है तो वह बीआईएस प्रमाणीकृत हॉलमार्किंग केंद्रों से इसका मूल्यांकन कराकर कम से कम एक साल की अवधि के लिए बैंकों में 'स्वर्ण बचत खाता' खोल सकता है और ब्याज के तौर पर नकदी या स्वर्ण इकाई हासिल कर सकता है।
·         योजना के तहत न्यूनतम 30 ग्राम सोना जमा काराया जा सकेगा और इस पर मिलने वाले ब्याज पर आयकर या पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा।
·           बैंकों को प्रोत्साहन देने के लिए इसमें प्रस्ताव है कि बैंक जमा किए गए सोने को सीआरआर अथवा एसएलआर के बदले रिजर्व बैंक के पास रख सकते हैं।
·         बैंक विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए सोने की बिक्री भी कर सकते हैं।
·           बैंक जमा किए गए सोने को सिक्कों में भी ढाल सकते हैं ताकि उसका उपयोग ग्राहकों और आभूषण निर्माताओं को बेचने में किया जा सके।

·         इसके तहत सरकार का भारतीय स्वर्ण सिक्का विकसित करने का भी विचार है, जिसमें अशोक चक्र बना होगा।

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