बुनियादी ढांचागत विकास के पीपीपी मॉडल पर नये सिरे से विचार करने के लिए केलकर समिति


संसद में 'आम बजट 2015-16' पेश करने के दौरान अपने बजट भाषण में केन्‍द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि बुनियादी ढांचागत विकास के पीपीपी मॉडल पर नये सिरे से विचार किया जायेगा। इसके तहत प्रमुख मसला जोखिमों को पुनर्संतुलित करना है। इस घोषणा पर अमल करते हुए पूर्व वित्त सचिव एवं नई दिल्‍ली स्थित राष्‍ट्रीय सार्वजनिक वित्त एवं नीति संस्‍थान (एनआईपीएफपी) के अध्‍यक्ष डॉ. विजय केलकर की अध्‍यक्षता में 26 मई 2015 को दस समिति का गठन किया गया है।  
समिति के विचारार्थ विषय
अनुबंधों के विषय वस्तु (कंटेंट) में बदलावों के साथ-साथ विशेष परिवर्तनों/शर्तों के चलते हुई कठिनाइयों सहित पीपीपी नीति के तहत मिले अनुभव की समीक्षा करना।
विभिन्न क्षेत्रों की पीपीपी परियोजनाओं में निहित जोखिमों के साथ-साथ परियोजना डेवलपर और सरकार के बीच इस तरह के जोखिमों की साझेदारी की मौजूदा रूपरेखा का विश्लेषण करना।
सर्वोत्तम जोखिम साझेदारी व्यवस्था के बारे में सुझाव देना।

पीपीपी परियोजनाओं के कारगर क्रियान्वयन के लिए सरकार में क्षमता सृजन बढ़ाने के उपाय सुझाना।

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