उत्पादों की गुणवत्ता पर बेहतर नियंत्रण रखने तथा
सेवा क्षेत्र को इसके दायरे में लाने के साथ सोने-चांदी के गहनों पर हॉलमार्क
अनिवार्य करने के लिए आर्थिक मामलों की
मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 17 जून 2015 को भारतीय
मानक ब्यूरो विधेयक, 2015 को मंजूरी दी है। यह विधेयक 1986 के भारतीय
मानक ब्यूरो (बीआईएस) कानून, 1986 की जगह लेगा। इस नए कानून में उपभोक्ता के पास
ज्यादा अधिकार होंगे। साथ ही कुछ और नए प्रावधान जोड़ने का प्रास्ताव है। जो
पुराने कानून में नहीं थे।
विधेयक के प्रावधान
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भारतीय मानक ब्यूरो को राष्ट्रीय मानक संस्थान बनाया जाएगा।
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नए अधिनियम के तहत मानक निशान वाला या बिना मानक
निशान वाला कोई भी उत्पाद यदि मानदंडों पर खरा नहीं उतरता तो उसे बाजार से वापस
लेने का आदेश सरकार दे सकेगी।
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बीआईएस एक गवर्निंग
काउंसिल के जरिए काम करेगा। इस गवर्निंग काउंसिल में अध्यक्ष और दूसरे सदस्य
होंगे।
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नये प्रवधानों के
तहत अब विनिर्मित वस्तुओं, सेवाओं
तथा प्रक्रियाओं के मानक तय होंगे और स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा के नजरिए
से सभी वस्तुओं और सेवाओं का सर्टिफिकेशन
जरूरी होगा।
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राष्ट्रीय मानक संस्थान किसी अन्य उत्पाद, सेवा या प्रक्रिया को भी इस कानून के दायरे में
लाना चाहेगी तो उसे इसका भी अधिकार होगा।
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सोने-चांदी के बने
सामानों की हॉलमार्किंग जरूरी होगी।
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इस अधिनियम का उद्देश्य कानूनों का कड़ाई से पालन
करने के लिए दंड प्रावधान को कठोर बनाना भी है। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में
उत्पाद या सेवा की जांच के लिए बीआईएस के अलावा किसी दूसरी अथॉरिटी की नियुक्ति भी
सरकार नए कानून के आधार पर कर सकेगी।
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