केंद्रीय
सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा अंतरिम अनुमान के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 के
लिए राष्ट्रीय आय का आकलन जारी किया गया। सीएसओ की ओर से
29 मई 2015 को जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही, जो
पूर्वानुमान (7.4 प्रतिशत) की तुलना में थोड़ी कम
है। वित्त वर्ष 2013-14 की अवधि के दौरान जीडीपी की दर 6.9 फीसदी
थी।
जीडीपी में यह बढ़ोतरी
वाणिज्य-कारोबार, होटल, परिवहन, दूरसंचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में दो अंकों की
भारी बढ़ोतरी के कारण है। ध्यातव्य हो कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा फरवरी 2015 में जीडीपी
के आकलन के लिए आधार वर्ष 2004-05 के स्थान पर 2011-12 को आधार वर्ष बनाया गया।
सीएसओ
का आकलनः महत्वपूर्ण तथ्य
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वित्त वर्ष 2014-15 (इस साल के मार्च तक) भारत की जीडीपी
की कुल राशि 1064.4 खरब
रूपये रही। यह भी जो 1065.7 खरब रूपये के पूर्वानुमान की तुलना में कम है।
·
वर्तमान
मूल्य पर देश की प्रति व्यक्ति आय 87748
रुपये आंकी गई, जो
कि एक वर्ष पहले के 80388
रुपये के मुकाबले 9.2 फीसदी
की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
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देश
में खेती की हालत और खराब हो गई है।
2014-15 में कृषि उपज में कोई बढ़ोतरी नहीं
हुई, बल्कि इसमें पिछले साल के मुकाबले 2.3
फीसदी की गिरावट आई। इस दौरान 251.12 मिलियन
टन खाद्यान्न पैदा हुआ, जबकि इससे एक साल पहले 2013-14
की अवधि के दौरान यह 257.07 मिलियन
टन रहा था।
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विनिर्माण
क्षेत्र में 7.9 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते की उद्योग क्षेत्र की विकास दर 4.8 फीसदी
रही। हालांकि खनन में मात्र 1.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
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पिछले
वर्ष सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। कारोबार, होटल, परिवहन, दूरसंचार
से संबंधित सेवाओं और प्रसारण क्षेत्र में विकास दर 10.7 फीसदी
रही।
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वर्ष 2014-15 के लिए 6.4 प्रतिशत की
वृद्धि का अनुमान है।
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