भारत बिल पेमेंट सिस्टमः एकीकृत भुगतान प्रणाली


 भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों की सुविधा के लिए 'एकीकृत बिल पेमेंट सिस्टम' का सुझाव दिया है। केंद्रीय बैंक ने सभी तरह के बिल भुगतान के लिए एक अलग संस्था बनाने का भी सुझाव दिया है। जिससे अलग-अलग जगहों पर बिल के भुगतान की समस्या से निजात मिल सकेगी।

वर्तमान भुगतान प्रणाली की समस्या
·         विभिन्न भुगतान प्रणालियों के आपस में जुड़े नहीं होने और इलेक्ट्रोनिक भुगतान तरीकों तक पहुंच नहीं होने की वजह से मौजूदा भुगतान प्रणाली ग्राहकों की जरूरतों को पूरा नहीं करती है। उपभोक्ताओं को बिजली, पानी, टेलीफोन, स्कूल, कालेज की फीस, निगम कर जैसे कई बिलों का भुगतान करना होता है। 
·         आज भी बहुत से बिलों का भुगतान बिल भेजने वाली कंपनी या संस्था के कार्यालय में नकद या चेक के जरिये किया जाता है।
·         ग्रामीण इलाकों में बिल भुगतान केंद्र आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं।
·         इसके अलावा, कोई ऐसी एक वेबसाइट नहीं है, जहां सभी बिलों को देखा जा सके  और भुगतान किया जा सके।
जी पद्मनाभन समिति

Ø  गवर्मेंट इंटरनल रेवेन्यू ऑर्डर (Government Internal Revenue Order, GIRO) आधारित पेमेंट सिस्टम लागू करने की व्यावहारिकता का अध्ययन करने के लिए आरबीआई द्वारा जी पद्मनाभन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति के अनुमान के अनुसार, देश के 20 प्रमुख शहरों में हर साल 3080 करोड़ बिल जारी होते हैं, जिनके द्वारा 6223 अरब रुपए का भुगतान होता है।
Ø  समिति का यह मानना है कि देश में बिल पेमेंट की जो मौजूदा व्यवस्था उपभोक्ता-केंद्रित न हो कर संस्था-केंद्रित है। इसकी वजह से आज देश में बिल भुगतान से संबंधित विभिन्न विकल्प और विभिन्न संस्थाएं उपलब्ध होने के बावजूद ग्राहक सुचारु रूप से यह काम नहीं कर पाते।
Ø  समिति के अनुसार, हालांकि मौजूदा व्यवस्था सुरक्षित है, लेकिन यह ग्राहकों की जरूरतों को ठीक तरीके से पूरा नहीं करती। इसकी वजह यह है कि बिल भुगतान की प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य का अभाव है।
Ø  समिति के अनुसार, भले ही आज पेमेंट के विभिन्न तरीके उपलब्ध हैं, लेकिन कैश और चेक पेमेंट अभी भी सबसे अधिक प्रचलित हैं और देश में ग्राहकों की एक बड़ी संख्या के पास अभी भी इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सुविधाओं तक पहुंच नहीं है।
Ø  समिति द्वारा दो संगठनों - भारत बिल पेमेंट सिस्टम और भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट्स बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

भारत बिल पेमेंट सिस्टम

v  भुगतान की समस्याओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने एकीकृत भारत बिल पेमेंट सिस्टम (Bharat Bill Payment System ,BBPS) का प्रस्ताव किया है। बीबीपीएस इस मामले में बिल भुगतान प्रणाली के समूचे ढांचे के तौर पर एकल ब्रांड नाम के तौर पर काम करेगी और बिल भुगतान के लिए ‘‘कभी भी कहीं भी’’ की सुविधा देगी। 
v  भारत बिल पेमेंट सिस्टम सभी तरह के बिलों के भुगतान को आसान बनाने के लिए एक केंद्रीय भुगतान प्रवेशद्वार है।
v  यह भुगतान प्रणाली जीआईआरओ (GIRO) के जरिये शुरू की जाएगी। जहां बिजली, पानी, गैस आदि सेवाएं, कर, विश्वविद्यालय की फीस, परीक्षा फीस, बीमा प्रीमियम आदि का बिल भेजने वाली सभी संस्थाएं एक प्लेटफॉर्म पर आएंगी और इससे बिल अदा करने वाला व्यक्ति सीधे इन कंपनियों और संस्थाओं को बिलों का भुगतान कर सकेगा।
v  भारत बिल पेमेंट सिस्टम एजेंटों, विभिन्न भुगतान प्रणाली और भुगतान संबंधी जानकारी प्राप्त होने का एक व्यापक नेटवर्क होगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।
v  देश भर में स्थापित भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट्स भुगतान संबंधी कामकाज को करने के लिए अधिकृत इकाइयां होंगी। ये इकाइयां बीबीपीएस की ओर से तय मानकों के तहत काम करेंगी।
v  भारत बिल पेमेंट ऑपरेटिंग यूनिट्स विभिन्न एजेंसियों, सेवाप्रदाताओं और संस्थाओं की ओर से जारी किए गए बिलों के बदले लोगों से पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे। ग्राहक ऐसी जगह कैश, चेक, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान कर पाएंगे।
v  बिल अदायगी के अलावा इन केंद्रों के जरिए विभिन्न सुविधाएं देने वाली संस्थाओं को भी अदायगी सुनिश्चित हो सकेगी जैसे शिक्षा, बीमा, यातायात, दूरसंचार सेवा, तकनीकी एवं मीडिया सेवाएं आदि। हालांकि इन केंद्रों के जरिए उन्हीं संस्थाओं के बिल जमा किए जा सकेंगे जो इस व्यवस्था से जुड़ी होंगी।
v  बीबीपीएस एक गैरलाभकारी संस्था के तौर पर काम करेगी, जबकि ये इकाइयां कारोबारी हितों के आधार पर काम करेंगी।
v  भुगतान संबंधी नेटवर्क स्थापित करने के लिए आरबीआई द्वारा प्रवर्तित नैशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को शीर्ष एजेंसी बनाया गया है। एनपीसीआई द्वारा ही रुपे डेबिट कार्ड जारी किया गया है।
v  पेमेंट सिस्टम विजन (2012-15) में भुगतान और निपटान की व्यवस्था को सुधारने की बात कही गई है और आरबीआई का वर्तमान प्रयास इसी का एक हिस्सा है।
v  भारत बिल पेमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद भी कैश या चेक आदि से पेमेंट का तरीका जारी रहेगा।

बीबीपीएस के लाभ
·         बिल जमा करने के लिए उपभोक्ताओं को अलग-अलग जगहों पर नहीं जाना होगा।
·         शिक्षा, बीमा, यातायात, दूरसंचार, मीडिया सेवा जैसे सारे बिल एक ही जगह जमा हो जाएंगे।
·          भुगतान का कन्फर्मेशन तुरंत प्राप्त होगा।
·          इस व्यवस्था में बिल पेमेंट की लागत कम आएगी।
·         उन ग्राहकों को सहूलियत होगी जिनकी पहुंच इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सुविधाओं तक नहीं है।

·         इस तरह की एकीकृत भुगतान प्रणाली स्थापित होने से अर्थव्यवस्था में होने वाले सभी तरह के भुगतानों पर नजर रखी जा सकेगी। यहां तक कि इसमें बिजली, पानी, दूरसंचार कंपनियों और स्कूलों को होने वाले नकद भुगतान पर भी नजर रखी जा सकेगी।

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