सागरमाला परियोजना के तर्ज पर भारत के तटीय क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के लिए
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारतमाला परियोजना (BHARAT MALA PROJECT) को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके तहत भारत के पूरब से पश्चिम तक यानी मिजोरम से गुजरात तक सीमावर्ती इलाकों में सड़क बनाई जाएगी। इस सड़क को महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक तटीय राज्यों में एक रोड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
परियोजना के मुख्य
बिंदु
v पूरब से पश्चिम तक भारत की पूरी सीमा को कवर करने के लिए लगभग 5,300 किमी़ की नई सड़क बनायी जाएगी।
v यह सड़क नेटवर्क सभी सीमावर्ती राज्यों से
गुजरेगा जहां की सीमाएं नेपाल, बांग्लादेश, चीन, पाकिस्तान और भूटान के अलावा विशाल तटीय
क्षेत्रों से लगती है।
v भारतमाला सड़कें समुद्र से सटे तथा सीमावर्ती राज्यों से होकर गुजरेंगी। इनमें
गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु,
आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम
बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा उत्तर-पूर्व के राज्य शामिल हैं।
v इस परियोजना के तहत काम गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा। फिर पंजाब और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड का नंबर आएगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्र में काम पूरा करने के बाद सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश से होते हुए मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा तक सड़कें बनाई जाएंगी।
v इस परियोजना के पांच साल में पूरे होने की उम्मीद है।
v इस पर शुरुआती चरण में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च
आएगा। शुरू में चार लेन की सड़कें बनाई जाएंगी। जबकि आगे चल कर उन्हें छह या आठ लेन
में परिवर्तित करने पर 50 हजार करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती
है।
परियोजना के रणनीतिक व आर्थिक पहलू
Ø
योजना का उद्देश्य सभी सीमावर्ती इलाकों और तटीय बंदरगाह तक सड़क संपर्क उपलब्ध
कराना है ताकि भारत की पहुंच सीमा क्षेत्रों तक आसान हो सके।
Ø सड़कें बेहतर होने पर सैन्य परिवहन बेहतर हो सकेगा।
Ø वैसे तो राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत स्वर्णिम चतुर्भुज और उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर के
तहत देश में पहले ही पर्याप्त राजमार्गो का निर्माण किया जा चुका है परंतु तटवर्ती
प्रदेशों में राजमार्गों का निर्माण नहीं हो सका। इस परियोजना के माध्यम से उन
क्षेत्रों में राजमार्गों का निर्माण संभव हो सकेगा।
Ø भारतमाला परियोजना से सागरमाला परियोजना को समर्थन प्राप्त होगा। सागरमाला
परियोजना के तहत तटीय जल परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में बंदरगाहों और तटीय
नगरों को देश के प्रमुख उद्योग-व्यापार केंद्रों के साथ जोड़ने
के लिए नई रेल व सड़क परियोजनाओं की आवश्यकता महसूस की गई है। भारतमाला परियोजना के
तहत नई सड़कें बनाकर इसी कमी को दूर किया जाएगा।
Ø सड़कें बन जाने पर सीमाई व्यापार भी बढ़ेगा।
Ø इस योजना में सड़कों का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी राज्यों में बनेगा, जहां कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधि कमजोर है। इससे उन क्षेत्रों मेंआर्थिक और
विकासात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
Ø
कई राज्यों में बेहतर सड़कों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
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