माउंटेन स्ट्राइक दस्ता 2021 तक होगा कार्यरत



चीन से सटी सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ाने के लिए भारत द्वारा तैयार किया जा रहा माउंटेन स्ट्राइक दस्ता 2021 तक कार्यरत हो जाएगा । चीन की सीमा पर सरहद के उस ओर बढ़ते फौजी बंदोबस्त और सीमा पर विकास योजनाओं को देखते हुए इस दस्ते को तैयार किया जा रहा है। ऐसा होने पर भारत को पहली बार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में किसी भी तरह के चीनी हमले के खिलाफ आक्रामक प्रहार करने की शक्ति हासिल होगी। इस स्ट्राइक दस्ते की यूनिटें कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक के इलाके में फैली होंगी। माउंटेन स्ट्राइक कोर का मुख्यालय पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में होगा।

पहली बार साल 2009 में भारत ने उत्तर-पूर्व में दो माउंटेन डिविजन बनाने का फैसला किया था। सेना ने वर्ष 2010 में ही इस संबंध में अपना प्रस्ताव भेजा था, लेकिन सरकार ने यह कहते हुए उसे लौटा दिया था कि थल सेना, वायु सेना और नौ सेना तीनों को उस क्षेत्र में अपनी क्षमता मजबूत करने की योजना पर साथ मिलकर काम करना चाहिए। चीनी के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर ऑपरेशनल गैप और आक्रामक क्षमता को बढ़ाने के लिए सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कोर, दो इंडिपेंडेंट इन्फेंट्री ब्रिगेड्स और दो आर्मर्ड ब्रिगेड के गठन का प्रस्ताव दिया था।

माउंटेन स्ट्राइक दस्ते की विशिष्टताएं

v  माउंटेन स्ट्राइक कोर में कुल 80 हजार जवान एवं अफसर होंगे। इसके तहत चार माउंटेन डिवीजन बनाया जाएगा जिनमें 20-20 हजार कार्मिक होंगे। 80 हजार की इस कोर में करीब 10 हजार अफसर भी होंगे।
v  इस कोर के जवानों को चीन की 4047 किलोमीटर लंबी सीमा के करीब तैनात किया जाएगा । इसलिए जवानों को ऊंचे इलाकों में रहकर लडने की ट्रेंनिग दी जाएगी ।
v  इस दस्ते के पास वायु शक्ति भी होगी जो मिसाइल से लेकर सभी किस्म के अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी। जवानों को पैराशूट से उतारने में भी दक्ष बनाया जाएगा । यानी वे जमीनी एवं हवाई युद्ध लड़ने में सक्षम होंगे। कोर के पास फाइटर एवं ट्रांसपोर्ट किस्म के विमान होंगे। 
v  इस योजना के मुताबिक वायुसेना भी पानागढ़ में हवा में ईंधन भरने वाले छह टैंकर और सी- 130 जे हरक्यूलिस विशेष अभियान विमान जैसी चीजें तैनात करेगी।
v  इसी के तहत चीन सीमा पर दो स्वतंत्र इन्फेंट्री और दो स्वतंत्र आर्म्ड बिग्रेड स्थापित किए जाएंगे। यह ब्रिगेड जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और सिक्किम में तैनात होगी।
v  उत्तराखंड के चमोली में स्वतंत्र इंफेंट्री ब्रिगेड भी स्थापित की जाएगी।
v  दस्ते को प्रशिक्षित करने के लिए गुलमर्ग (कश्मीर) स्थित सेना के हाई अल्टीट्यूड वेलफेयर स्कूल (HWS) को माउंटेन स्ट्राइक कोर का ट्रेनिंग केंद्र बनाया जाएगा । यह स्थान समुद्र तल से 8830 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
v  रक्षा मंत्रालय ने सैद्धान्तिक रूप से 2013 से ही इस योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया था। योजना के लिए अभी 3934 करोङ का बजट भी उपलब्ध है। हालांकि इस पर कुल 70-75 हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है।



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