सीमावर्ती इलाकों और तटीय क्षेत्रों में सड़क की व्यवस्था सुधारने की योजना
'सागर माला' और 'भारत माला' के बाद केंद्र सरकार द्वारा देश की सङक
अवसंरचना को बेहतर बनाने के लिए सेतु भारतम या ब्रिजिंग इंडिया (Setu Bharatam), राष्ट्रीय राजमार्ग जिला संयुक्त परियोजना (Zila
Sanjoyokta Pariyojna) और पिछड़े क्षेत्रों में हाइवे बनाने जैसी कई योजना का प्रस्ताव
किया गया है। इसके तहत देश की वर्तमान सङक अवसंरचना में सुधार किया जाएगा और देश
के दूरदराज के इलाकों को जोड़ने के लिए नए लिंक, रेलवे ब्रिज और लेवल क्रॉसिंग
बनाए जाएंगे।
इन प्रॉजेक्ट्स से देश की कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा। इससे इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। इन प्रॉजेक्ट्स के जरिये सरकार हाई क्वॉलिटी हाईवेज का नेटवर्क बनाना चाहती है, जिनसे सामान की आवाजाही आसान हो और पैसेंजर ट्रैफिक की हालत में सुधार हो। देश की सड़कों की हालत में बड़ा सुधार आएगा और इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
सेतु
भारतम परियोजना
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राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सेतु भारतम
प्रॉजेक्ट की योजना बनाई गई है।
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सेतु भारतम परियोजना का उद्देश्य देश को पुलों के माध्यम से जोड़ने का
है। सेतु भारतम के तहत सालभर में 150 रेलवे ओवरब्रिज और 204 लेवल क्रॉसिंग्स बनाए जाएंगे।
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केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात
और राजस्थान के कम विकसित इलाकों को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जोड़ने के लिए 2,000 किलोमीटर सड़क
बनाएगी।
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सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा ऐसे 123 जिला मुख्यालयों की
पहचान की गई है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के तहत इन इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग स्तर की सङकें बनाई जाएंगी।
धार्मिक सर्किट
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अलग धार्मिक सर्किट भी बनाने की योजना है।
इसके तहत धार्मिक स्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। ये 2,000 किलोमीटर वाली परियोजना का हिस्सा होंगे। सड़क परिवहन और पर्यटन
मंत्रालय ने मिलकर इस प्रोजेक्ट की योजना बनाई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग जिला
संयुक्त परियोजना
v इस परियोजना के
अंतर्गत 60 हजार करोड़ रुपए की लागत से 6,600
किमी राजमार्ग
का निर्माण किया जाएगा।
v इस परियोजना के
अंतर्गत देश के 100 जिलों के मुख्यालयों को जोड़ने के लिए सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
भारतमाला
परियोजना
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