प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी द्वारा 25 दिसंबर,
2014 को ‘पंडित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं
शिक्षण मिशन’
(Pandit Madan Mohan Malaviya National Mission on Teachers and Teaching, PMMNMTT)
की शुरुआत की गई । इसके तहत, देश में करीब सौ उच्च
स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना होगी, साथ ही शिक्षकों के लिए नए
कोर्स शुरू किए जाएंगे। इस योजना पर बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कुल 900 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
मिशन के महत्वपूर्ण
तत्व
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इस मिशन का उद्देश्य शिक्षक का प्रशिक्षण, शिक्षक के लिये विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों की कार्य
संस्कृति में सुधार के साथ शिक्षक के पेशेवर उत्कृष्टता में वृद्धि तथा शिक्षण
व्यवस्था के द्वारा प्रतिभावान छात्रों में आकर्षण उत्पन्न करना है।
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यह मिशन स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा,
तकनीकी शिक्षा इत्यादि को अलग-अलग न मानकर,पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को पूर्णतावादी
तरीके से फोकस करेगा जिससे उपर्युक्त लक्ष्यों को बेहतरीन तरीके से हासिल किया जा
सके। इस मिशन के जरिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान में शिक्षक एवं शिक्षण से संबंधित योजनाओं में
तारतम्य स्थापित हो जिससे कि सभी योजनाएं प्रभावी रुप से अपने-अपने क्षेत्र में
कार्य कर सकें।
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यह मिशन शिक्षक, शिक्षण एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण
तथा उनके पेशेवर विकास से संबंधित मुद्दों को व्यापक रुप से लक्षित करेगा। साथ ही
इस मिशन के तहत पाठ्यक्रम डिजाइन, मूल्यांकन डिजाइन एवं विकास, शिक्षण शास्त्र में
अनुसंधान तथा प्रभावी शिक्षण शास्त्र का विकास भी होगा।
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मिशन का लक्ष्य एक तरफ, वर्तमान एवं तात्कालिक मुद्दों जैसे कि शिक्षकों की उपलब्धता, प्रतिभाओं को शिक्षण
के लिए प्रोत्साहित करना तथा विद्यालयों व महाविद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता को उन्नत करना है।वहीं दूसरी तरफ, मिशन दूरगामी
लक्ष्यों जैसे
कि शिक्षकों का एक सुदृढ
प्रशिक्षित कैडर तैयार करने के लिए मापदंड तैयार करना तथा शिक्षकों की अभिनव व पेशेवर
प्रगति के लिए उच्च स्तरीय सांस्थानिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय
की योजना के तहत 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा
विभाग स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक विवि को सरकार करीब 12 करोड़ देगी।
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मंत्रालय के अनुसार,
25 टीचिंग लर्निग सेंटर, 20 फैकल्टी डेवलपमेंट
सेंटर, पांच सेंटर फॉर एक्सलेंस साइंस एंड मैथमेटिक्स
एजुकेशन, टीचर एजुकेशन के लिए दो इंटर यूनिवर्सिटी केंद्रों
की स्थापना, पांच इंस्टीट्यूट ऑफ एकेडमिक लीडरशिप एंड
एजुकेशन मैनेजमेंट सेंटर, नेशनल रिसोर्स सेंटर आदि खोले
जाएंगे। ये केंद्र या तो विश्वविद्यालयों में खुलेंगे या स्वतंत्र केंद्र के रूप
में स्थापित होंगे।
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विश्वविद्यालयों के शिक्षा
विभागों को अलग से केंद्रों की स्थापना भी करनी होगी। इसमें सेंटर फॉर प्री सर्विस
टीचर एजुकेशन, करिकुलम रिसर्च, पॉलिसी
एंड एजुकेशन डेवलपमेंट, सेंटर फॉर टीचिंग इंग्लिश लैंग्वेज,
सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट, सेंटर फॉर
टीचर रिसोर्सेज आदि शामिल होंगे। इनके जरिए सेवारत शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने
का काम हो सकेगा।
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केंद्रीय विवि के शिक्षा
विभागों द्वारा शिक्षक तैयार करने के लिए सात नए कोर्स शुरू करने की भी तैयारी है।
इनमें मास्टर इन एलीमेंट्री एजुकेशन, बैचलर एंड
मास्टर इन सेकेंडरी एजुकेशन, बैचलर एंड मास्टर इन अर्ली
चाइल्डहुड एजुकेशन, एडवांस डिप्लोमा इन एजुकेशन मैनेजमेंट,
मास्टर इन एजुकेशन स्टडीज शामिल हैं। ये कोर्स एनसीटीई के मानकों के
अनुरूप होंगे। भविष्य में एमबीए की तर्ज पर शिक्षकों के लिए भी मास्टर इन एजुकेशन
मैनेजमेंट जैसे कोर्स शुरू करने की योजना है।
मिशन के घटक
Ø शिक्षा के स्कूल (केंद्रीय विश्वविद्यालयों में)- 30
Ø पाठ्यचर्या और शिक्षा-शास्त्र के लिये उत्कृष्टता केंद्र- 50
Ø अध्यापक शिक्षा के लिये अंतर-विश्वविद्यालयी केंद्र- 2
Ø राष्ट्रीय शिक्षा संसाधन केंद्र- 1
Ø अकादमिक नेतृत्व और शिक्षा प्रबंधन केंद्र- 5
Ø अभिनवशीलता, पुरस्कार, अध्यापन संसाधन अनुदान और कार्यशाला एवं संगोष्ठी
Ø पाठ्यचर्या नवीनीकरण और सुधारों के लिये विषयगत नेटवर्क
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