ब्रिक्स बैंक के पहले चेयरमैनः के.वी. कामत



आईसीआईसीआई बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन के.वी. कामत को मई 2015 को ब्रिक्स बैंक या न्यू डेवलपमेंट बैंक ( BRICS bank or NEW DEVELOPMENT BANK, NDB)  का पहला चेयरमैन नियुक्त किया गया है। ब्रिक्स बैंक में इनका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। इस बैंक की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गई है।

के.वी. कामत

कुंदापुर वामन कामथ का जन्म 2 दिसम्बर 1947 को कर्नाटक के मंगलोर में हुआ था। कामथ भारत के सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई के गैर कार्यकारी चेयरमैन हैं। वह सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के भी गैर कार्यकारी चेयरमैन हैं कामथ ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1971 में आईसीआईसीआई से की। तब यह वित्तीय संस्थान होता था। 1994 में आइसीआइसीआइ लिमिटेड के सब्सिडियरी के तौर पर आईसीआईसीआई बैंक का गठन हुआ। 2002 में मूल कंपनी का इसमें विलय हो गया। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामथ को बैंकिंग के बड़े जानकार के रूप में जाना जाता है।1988 और 1996 के बीच उन्होंने एशियाई विकास बैंक में भी काम किया है।

ब्रिक्स बैंक
v  ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स ने पिछले साल ब्रिक्स बैंक के गठन का समझौता किया था ब्रिक्स बैंक का विचार सबसे पहले-पहल 2012 में ब्रिक्स के दिल्ली सम्मेलन में आया था जिसे 2013 में डरन सम्मेलन में मंजूरी मिली 15 जुलाई 2014 को ब्रिक्स बैंक की स्थापना हुई।
v  ब्राजील के फ़ोर्टेलेज़ा में साल 2014 में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में सदस्य राष्ट्रों के नेताओं ने 100 अरब डॉलर की अधिकृत पूंजी के साथ नए विकास बैंक की स्थापना के लिए समझौता किया था। ब्रिक्स बैंक की शुरूआती चुकता पूंजी 50 अरब डॉलर है, जिसमें हर सदस्य का योगदान 10 अरब डॉलर है सभी देशों द्वारा बराबर पूंजी योगदान का फैसला किया गया है ताकि विकास बैंक आईएमएफ और विश्व बैंक की तरह असमान हिस्सेदारी के स्वामित्व वाली व्यवस्था न बने।  
v  समझौता के तहत यह निर्धारित किया गया था कि ब्रिक्स बैंक का पहला मुख्य कार्यकारी यानी सीईओ या अध्यक्ष एक भारतीय को नियुक्त किया जाएगा तथा बैंक का मुख्यालय चीन के शंघाई शहर में होगा और इसका एक क्षेत्रीय कार्यालय दक्षिण अफ़्रीक़ा में होगा। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पहले प्राधिकारी रूस के होंगे और बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स के पहले प्राधिकारी ब्राजील से होंगे। इसी आधार पर के.वी. कामत को ब्रिक्स बैंक का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
v  भारत पहले छह वर्षों तक इस बैंक की अध्यक्षता करेगा। इसके बाद ब्राजील और रूस पांच-पांच सालों की अवधि तक इसकी कमान संभालेंगे।

उद्देश्य एवं कार्य
Ø  इसका उद्देश्य ब्रिक्स तथा अन्य उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में बुनियादी एवं सतत विकास की मूलभूत परियोजनाओं के लिए संसाधन उपलब्ध कराना तथा वैश्विक वृद्धि एवं विकास के काम में मौजूदा बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों की भूमिका के पूरक के रूप में काम करना है। 
Ø  इस बैंक को विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या आईएमएफ़ के विकल्प के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
Ø  अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी वित्तीय संस्थाएं विकासशील देशों को उनकी ज़रुरत के हिसाब से क़र्ज़ देने में नाकाम रही हैं। विश्व बैंक विकासशील देशों को हर साल 40 से 60 अरब डॉलर के क़रीब क़र्ज़ देता है जबकि उन्हें विकास के लिए एक खरब डॉलर की ज़रूरत है। ब्रिक्स बैंक न सिर्फ़ ब्रिक्स देशों बल्कि दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में आधारभूत ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन मुहैया कराएगा।
Ø  ब्रिक्स देशों को शिकायत है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में अमेरिका और यूरोप के देशों का प्रभाव अधिक होता है। एक अनौपचारिक व्यवस्था के तहत विश्व बैंक का अध्यक्ष हमेशा ही एक अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अध्यक्ष एक यूरोपीय रहा है। यही कारण है कि ब्रिक्स बैंक में सभी सदस्यों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है।
Ø  इस बैंक के प्रमुख कार्य होंगे -
·          किसी देश की शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी समस्याओं को दूर करना
·          ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाना
·          वैश्विक फाइनैंशियल सेफ्टी नेट को मजबूत करना



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