राष्ट्रपति ने सबसे वरिष्ठ
चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी (Dr. Nasim Zaidi )को निर्वाचन आयोग में बतौर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election
Commissioner) नियुक्त किया है। डॉ. जैदी ने 19
अप्रैल को देश के 20वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाल लिया। उन्होंने एच एस ब्रह्मा
का स्थान लिया है। जैदी इससे पहले 7 अगस्त, 2012 से निर्वाचन
आयोग में चुनाव आयुक्त रहे। निर्वाचन आयोग में आने से पहले डॉ. जैदी ने लोक सेवक
के रूप में लंबे समय तक देश सेवा की। वे 1976 बैच के
आई.ए.एस. अधिकारी हैं।
पदभार संभालने के बाद डॉ.
जैदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्रता, पारदर्शिता, पेशेवराना,
समावेशी और अनुकूलता के सिद्धांतों के आधार पर 10-15 सालों की रणनीतिक योजना तैयार करेगा। यह योजना चहुंमुखी सांस्थानिक मजबूती,
मतदाता शिक्षा और कारगर निर्वाचन प्रक्रिया पर आधारित होगी। जैदी ने
कहा है कि निर्वाचन आयोग मतदाता केंद्रित गतिविधियों पर ध्यान देगा और त्रुटिमुक्त
और प्रामाणिक मतदाता सूची के साथ समावेशी ढंग से मतदाताओं की सर्वोच्च भागीदारी पर
आधारित स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के दृष्टिकोण के साथ कार्य करेगा।
भारत के मुख्य निर्वाचन
आयुक्त की सूची
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नाम
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कार्यकाल
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सुकुमार सेन
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21 मार्च 1950 -
19 दिसंबर
1958
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के. वी. के. सुंदरम
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20 दिसंबर 1958 -
30 सितंबर
1967
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एस. पी. सेन वर्मा
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01 अक्टूबर 1967 -
30 सितंबर
1972
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डॉ. नागेंद्र सिंह
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01 अक्टूबर 1972 -
6 फरवरी
1973
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टी. स्वामीनाथन
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07 फरवरी 1973 -
17 जून 1977
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एस.एल. शकधर
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18 जून 1977 -
17 जून 1982
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आर. के. त्रिवेदी
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18 जून 1982 -
31 दिसंबर
1985
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आर. वी. एस. पेरिशास्त्री
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01 जनवरी 1986 -
25 नवंबर
1990
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श्रीमती वी. एस. रमा देवी
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26 नवंबर 1990 -
11 दिसंबर
1990
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टी. एन. शेषन
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12 दिसंबर 1990 -
11 दिसंबर
1996
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एम. एस. गिल
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12 दिसंबर 1996 -
13 जून 2001
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जे. एम. लिंगदोह
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14 जून 2001 -
7 फरवरी
2004
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टी. एस. कृष्णमूर्ति
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08 फरवरी 2004 -
15 मई 2005
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बी. बी. टंडन
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16 मई 2005 -
29 जून 2006
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एन. गोपालस्वामी
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30 जून 2006 -
20 अप्रैल
2009
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नवीन चावला
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21 अप्रैल 2009 से 29 जुलाई 2010
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एस. वाई. कुरैशी
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30 जुलाई 2010 -
10 जून 2012
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वी. एस संपत
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11 जून 2012 -
15 जनवरी
2015
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एच. एस. ब्राह्मा
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16 जनवरी 2015 -
18 अप्रैल
2015
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डॉ. नसीम जैदी
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19 अप्रैल 2015 -
अब
तक
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त
नियुक्ति, कार्यकाल व वेतन-भत्ते
भारतीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारतीय निर्वाचन आयोग का प्रमुख होता है और भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
रूप से राष्ट्र और राज्य के चु्नाव करवाने का जिम्मेदार होता हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(2) के अधीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त और
निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति का अधिकार भारत के राष्ट्रपति को दिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष
या 65 साल, जो पहले हो, का होता है, जबकि अन्य चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 साल, जो पहले हो, का होता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन
आयुक्त (सेवा शर्तें) अधिनियम, 1992 के अनुसार वेतन और भत्ते के लिहाज से मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त की स्थिति
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समकक्ष है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संसद द्वारा
महाभियोग के द्वारा ही हटाया जा सकता है।
स्वरुप और कार्य
वर्तमान में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो
निर्वाचन आयुक्त सहित भारत निर्वाचन आयोग एक तीन-सदस्यीय निकाय है।1950 में अपनी स्थापना के समय चुनाव आयोग बहु-सदस्यीय
निकाय नहीं था। 15
अक्तूबर, 1989 तक केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक
एकल-सदस्यीय निकाय था। 16
अक्तूबर, 1989 से 1 जनवरी,
1990 तक यह आर.वी.एस.
पैरीशास्त्री (मु.नि.आ.) और निर्वाचन आयुक्त के रूप में एस.एस. धनोवा और वी.एस.
सहगल सहित तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। 2 जनवरी,
1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक यह एक एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर 1 अक्तूबर, 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया। संविधान का
अनुच्छेद 324(2)
मुख्य निर्वाचन
आयुक्त को छोड़कर समय समय पर निर्वाचन आयुक्तों की संख्या को निश्चित करने का
अधिकार भी भारत के राष्ट्रपति को देता है।
संधीय स्तर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त के अनुरूप राज्य स्तर पर
प्रत्येक राज्य में मुख्य निर्वाचन अधिकारी का प्रविधान है जो
उस राज्य में निर्वाचन के लिये विधायी शक्तियों का उपभोग करता है। भारत निर्वाचन आयोग राज्य सरकार/संघ
राज्य क्षेत्र प्रशासन के परामर्श से उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के एक अधिकारी को
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रूप में नामनिर्दिष्ट या पदाभिहित करता है। भारत निर्वाचन आयोग के पास विधानसभा, लोकसभा,
राज्यसभा, राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति आदि के चुनाव से सम्बंधित सत्ता होती है जबकि
ग्राम पंचायत,
नगरपालिका, महानगर परिषद् और तहसील एवं जिला परिषद् के
चुनाव की सत्ता सम्बंधित राज्य निर्वाचन आयोग के पास होती है।
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