खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2015

खान एवं खनिजों के मामले में राज्यों को और अधिक अधिकार देने वाला खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2015 (Mines and Minerals  (Development and Regulation) Amendment (MMDRA) Bill 2015) 20 मार्च 2015 को राज्यसभा में पारित हो गया राज्यसभा में इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया था। प्रवर समिति ने इसके बारे में 18 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस विधेयक को लोकसभा 3 मार्च 2015 को ही पारित कर चुकी है। सरकार इससे पहले इस संबंध में 12 जनवरी, 2015 को एक अध्यादेश जारी कर चुकी है। यह विधेयक अधिनियमित होने पर खान और खनिज(विकास और विनियमन)अधिनियम 1957 का स्थान लेगा
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
v  इसके माध्यम से मूल अधिनियम में नयी अनुसूची जोड़ी गई है तथा बॉक्साइट, चूना पत्थर, मैगनीज जैसे कुछ खनिजों को अधिसूचित खनिजों के रूप में परिभाषित किया गया है। केंद्र सरकार अधिसूचना द्वारा इस अनुसूची में संशोधन कर सकती है।
v  इसमें खनन लाइसेंसिंग में पूर्वेक्षण लाइसेंस-सह-खनन की नई श्रेणी को जोड़ा गया है।
v  यह विधेयक केंद्र सरकार को अतिरिक्त पट्टे प्रदान करने के स्थान पर खनन क्षेत्र की सीमा को बढ़ाने की अनुमति देता है।
v  इस विधेयक में खनन से प्राप्त राजस्व का उपयोग स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिए करने के साथ ही सरकारों की विवेकाधीन शक्तियों का समाप्त करने की दिशा में पहल की गई है। विवेकाधीन शक्तियों के चलते भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही हैं।
v  यह विधेयक कोयला, लिग्नाइट और परमाणु खनिजों को छोड़कर अन्य सभी खनिजों के लिए पट्टे की अवधि में परिवर्तन करेगा। खनिजों के लिए खनन पट्टों को 50 साल की अवधि के लिए प्रदान किया जाएगा। इससे पूर्व खनन पट्टों की अधिकतम अवधि 30 साल और न्यूनतम अवधि 20 साल थी। पट्टे की अवधि समाप्त होने पर इसे नए सिरे से नीलामी के लिए रखा जाएगा।
v  विधेयक में राज्यों को कई अधिकार दिये गये हैं। इस विधेयक के अनुसार राज्य सरकार अधिसूचित और गैर अधिसूचित खनिजों के लिए खनन पट्टों और पूर्वेक्षण लाइसेंस-सह-खनन पट्टों को जारी करेगी।
v  इसमें खान से संबंधित रियायत प्रदान करने और इससे जुड़ी नीलामी प्रणाली के बारे में बताया गया है।
v  केंद्र सरकार बोली लगाने वालों के चयन के लिए नीलामी के नियम, शर्तों और प्रक्रिया को निर्धारित करेगी।
v  एक जिला खनिज फाउंडेशन (DMF) और एक राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (NMET) का निर्माण की किया जाएगा। डीएमएफ जहाँ राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया जाएगा, वहीं एनएमईटी केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किया जाएगा।


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