प्रधानमंत्री की मॉरीशस यात्रा

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा तीन देशों की यात्रा (शेसेल्स, मॉरीशस और श्रीलंका ) के क्रम में 11-12 मार्च, 2015 को  मॉरीशस की यात्रा की गई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने मॉरीशस के राष्ट्रपति राजुकेश्यवर पुरय्याग तथा प्रधानमंत्री जगन्नाथ के साथ बैठकें की। मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस(12 मार्च) पर प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। उन्होंने मॉरीशस की नेशनल असेम्बली के विशेष सत्र को भी संबोधित किया और गंगा तालाब पर पूजा-अर्चना भी की।

प्रधानमंत्री  की इस यात्रा के दौरान पांच द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए और आपसी सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। जिसके तहत अगालेगा द्वीप पर समुद्री तथा हवाई परिवहन के विकास के लिए, समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग के लिए, चिकित्सा की परंपरागत प्रणालियों तथा होमियोपैथी में सहयोग के लिए, वर्ष 2015-18 के सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए और भारत से आमों का आयात करने लिए यह हस्ताक्षर किए गए।


करार जिन पर भारत और मॉरीशस के बीच हस्‍ताक्षर किए गए

1--- महासागर अर्थव्‍यवस्‍था के क्षेत्र में भारत  और मॉरीशस के बीच समझौता - यह एम ओ यू महासागर अर्थव्‍यवस्‍था, जो हिंद महासागर क्षेत्र में संपोषणीय विकास का एक नया एवं महत्‍वपूर्ण क्षेत्र है, के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक व्‍यापक रूपरेखा प्रदान करेगा। इसमें समुद्री संसाधन, मछली पालन, हरित पर्यटन, महासागर प्रौद्योगिकी के अनुसंधान एवं विकास, विशेषज्ञों के आदान प्रदान तथा अन्‍य संबंधित गतिविधियों के लिए परस्‍पर लाभप्रद सहयोग का प्रावधान है।
2--- वर्ष 2015-18 के लिए भारत और मॉरीशस के बीच सांस्‍कृतिक सहयोग कार्यक्रम - यह कार्यक्रम 2015-18 की अवधि के लिए इस क्षेत्र में अधिक द्विपक्षीय सहयोग का प्रावधान करेगा। कार्यक्रम में अन्‍य बातों के साथ सांस्‍कृतिक मंडलियों के आदान प्रदान, ललित कलाओं में प्रशिक्षण, सांस्‍कृतिक प्रदर्शनियों के आयोजन, भारतीय भाषाओं के प्रचार प्रसार, छात्रों के आदान प्रदान आदि की परिकल्‍पना है। यह कार्यक्रम दोनों देशों के बीच अधिक जन दर जन भागीदारी को भी बढ़ावा देगा।
3---- भारत से ताजे आम के आयात के लिए भारत और मॉरीशस के बीच प्रोटोकाल- इस प्रोटोकाल का उद्देश्‍य मॉरीशस द्वारा भारत से आम के ताजे फलों के आयात को सुगम बनाना है।
4--- मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर समुद्री एवं हवाई परिवहन की सुविधाओं में सुधार के लिए समझौता ज्ञापन- यह एम ओ यू मॉरीशस के बाहरी द्वीप पर समुद्रीय एवं हवाई संपर्क में सुधार के लिए आधारभूत सुविधाओं की स्‍थापना एवं उन्‍नयन का प्रावधान करता है जो इस दूरस्‍थ द्वीप पर रहने वाले लोगों की दुर्दशा सुधारने में काफी मददगार साबित होगा। इन सुविधाओं से बाहरी द्वीप में अपने हितों की रक्षा करने में मॉरीशस के रक्षा बलों की क्षमता में वृद्धि होगी।
5--- दवा एवं होमियोपैथी की परंपरागत पद्धति के क्षेत्र में सहयोग - यह एम ओ यू दोनों देशों के बीच स्‍वास्‍थ्‍य एवं दवा की परंपरागत पद्धति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा, जो ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक संबंधों की वजह से इन परंपराओं को पहले से ही साझा कर रहे हैं। इसके तहत, विशेषज्ञों के आदान प्रदान, परंपरागत औषधीय तत्वों की आपूर्ति, स्‍वास्‍थ्‍य एवं दवा की परंपरागत पद्धतियों का दोनों देशों में संयुक्‍त अनुसंधान एवं विकास तथा मान्‍यता प्रदान करने की परिकल्‍पना है। इसका उद्देश्‍य विभिन्‍न भारतीय परंपरागत पद्धतियों को बढ़ावा देना एवं लोकप्रिय बनाना भी है, जो आयुष के तहत आती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे

Ø  सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर और स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र में साझा हितों पर चर्चा की गई।
Ø  मॉरीशस की असैन्‍य बुनियादी परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन अमरीकी डॉलर के रियायती ऋण की घोषणा की गई।
Ø  अपतटीय निगरानी जहाज बाराकूडा को प्रचालित किया जो कि भारत द्वारा निर्यात किया गया प्रथम कस्टम निर्मित जहाज है।
Ø  मॉरीशस में पेट्रोलियम भंडारण और भूमिगत भंडारण सुविधा का तेजी से निर्माण करने की इच्छा प्रदर्शित की गई, जिससे न केवल मॉरीशस को फायदा होगा, अपितु क्षेत्रीय बड़े केन्‍द्र के रूप में इसकी भूमिका भी बढ़ेगी।
Ø  दूसरे साइबर सिटी के निर्माण के लिए सहायता का प्रस्‍ताव किया गया। भारत ने एक दशक पहले मॉरीशस को पहले साइबर सिटी के निर्माण में सहायता दी थी।
Ø  वैज्ञानिक और आर्थिक भागीदारी के तहत सामुद्रिक अर्थव्‍वस्‍था में सहयोग हेतु समझौता किया गया। इससे सामुद्रिक पारिस्थितिकी के प्रति समझ में सुधार होगा।इससे सामुद्रिक अर्थव्‍यवस्‍था के नये क्षेत्रों के विकास में मदद मिलेगी और साथ ही सामुद्रिक परिसंपत्तियों के इस्‍तेमाल में स्‍थायी प्रक्रियाओं का पालन किया जा सकेगा।
Ø  दोहरा कर वंचन संधि में संशोधन पर चर्चा को जारी रखने पर सहमति व्‍यक्‍त की गई।कर के अदान-प्रदान की सूचना के लिए मॉरीशस द्वारा सहयोग और सहायता देने की पेशकश की गई।
Ø  मॉरीशस की व्‍यापक विशिष्‍ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उसके प्रयासों में सहयोग की वचनबद्धता प्रदर्शित की गई।
Ø  जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के समाधान के लिए आपसी सहयोग और वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की गई।
Ø  मॉरीशस के लिए इलेक्‍ट्रोनिक यात्रा प्राधिकृति शुल्‍क माफ करने का निर्णय लिया गया।
Ø  एक बहु विषयक युवा मंच शुरू करने का भी फैसला लिया गया। इससे दोनों देशों के युवाओं को और अधिक जोड़ा जाएगा और यह भविष्‍य में सशक्‍त भागीदारी का बीजारोपण करेगा।


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