वैश्विक ऊर्जा सम्‍मेलनः ऊर्जा संगम 2015


ओएनजीसी की विदेश में उत्खनन का काम करने वाली शाखा ओएनजीसी विदेश (ONGC Videsh Limited),  इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (Engineer India Limited) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की बरौनी रिफाइनरी (Barauni Refinery Limited) के 50 साल पूरे होने के मौके पर 27 मार्च 2015 को वैश्विक ऊर्जा सम्‍मेलनः ऊर्जा संगम -2015 (global energy summit – Urja Sangam-2015) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की ऊर्जा संबंधी सुरक्षा को आकार देना है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित ऊर्जा संगम -2015 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। संबोधन भाषण में प्रधानमंत्री द्वारा उन पहलों और दिशाओं की चर्चा की गई जो भारत में ऊर्जा सुरक्षा और संरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण

Ø  जो लोग समृद्ध हैं, जिन्हें जरूरत नहीं उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए प्रधानमंत्री द्वारा लोगों से गिव इट अप सब्सिडी अभियान (Give it up movement) से जुड़ने की अपील की गई। सब्सिडी छोड़ने से करीब 100 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है, जिसका इस्तेमाल गरीबों को क्लीन एनर्जी मुहैया कराने और गांव के विकास में किया जा सकेगा। ज्ञात हो कि देशभर के करीब 2.8 लाख लोगों ने पहले ही एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी है।
Ø  2022 में भारत की स्‍वाधीनता की प्‍लेटिनम जयंती तक देश के ऊर्जा आयात के बोझ को कम से कम 10 प्रतिशत तक घटाने के लिए घरेलू उत्‍पादन को बढाना।
Ø  केन्‍द्र सरकार का उद्देश्‍य गैस ग्रिड नेटवर्क का विस्तार करते हुए अगले पांच वर्षों में एक करोड़ घरों तक पाइप से प्राकृतिक गैस (पीएनजी) पहुंचाना है।वर्तमान में 27 लाख परिवारों के पास पाइप लाइन से गैस कनेक्शन है
Ø  भारत की आबादी विश्‍व की कुल जनसंख्‍या के छठे हिस्‍से के बराबर है और वैश्विक समृद्धि में सहयोग के लिए भारत को उसी अनुपात में ऊर्जा की जिम्‍मेदारियां उठानी चाहिए।
Ø  प्रधानमंत्री ने भारतीय ऊर्जा कंपनियों से बहुराष्‍ट्रीय कंपनी बनने, भारत-मध्‍य-पूर्व एशिया, भारत- मध्‍य एशिया और भारत-दक्षिण एशिया ऊर्जा गलियारों की दिशा में कार्य करने का आग्रह किया। उन्‍होंने उनसे उत्‍तरी अमरीका और अफ्रीका में भी गैस क्षेत्र में अपना स्‍थान स्‍थापित करने की भी अपील की।


ऊर्जा क्षेत्र में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदम

·          विश्‍व की सबसे बड़ी नकद अनुदान हस्‍तांतरण कार्यक्रम पहलके जरिए एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खाते में हस्‍तां‍तरित करने की योजना से राजस्‍व रिसाव समाप्‍त हुआ और भ्रष्‍टाचार नियंत्रित किया जा सका।
·          लोगों की अल्प जरुरतों को देखते हुए 5kg के सिलेंडर की शुरुआत की गई।
·          डीजल मूल्‍यों को नियंत्रण मुक्‍त किया गया।
·           गन्‍ना किसानों की सहायता के लिए इथनोल मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा दिया गया। इथनोल का Minimum Support Price निर्धारित किया गया।
·          जटरोफा (Jatropha) के माध्यम से बायो-डीजल के उत्पादन को बढाने का प्रयास किया गया है।

·          देश के पूर्वी भागों में गैस ग्रिड का विस्‍तार किया जाएगा। इस हेतु कौशल विकास पर बल दिया जाएगा।

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