भारतः विश्व का सबसे बङा
स्वर्ण उपभोक्ता
वर्ल्ड
गोल्ड काउंसिल (WGC) की 'गोल्ड डिमांड ट्रेंड्ज-2014' नामक रिपोर्ट के अनुसार, सोने की मांग में
कमी आने के बावजूद भारत चीन को पीछे छोङकर एक बार फिर दुनिया में सोने का सबसे
बड़ा उपभोक्ता देश बन गया है। साल 2014 में भारत में सोने की मांग 842.7 टन थी, जबकि चीन में यह 814 टन थी। पिछले साल की तुलना में
सोने की मांग में 14 फीसद की गिरावट आई है। 2013 में भारत में सोने की मांग 974.8 टन थी। वैश्विक स्तर पर सोने की वार्षिक मांग 3,924 टन रही।
रिपोर्ट में
कहा गया है कि भारत दुनिया में सोने के दो सबसे बड़े बाजारों में से एक है। 1995 में डब्ल्यूजीसी की शुरुआत के बाद
से आभूषणों की मांग के लिए 2014
भारत का सबसे
अच्छा साल रहा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, आम भारतीय परिवार शिक्षा और हेल्थकेयर से
ज्यादा पैसा सोने पर खर्च करता है। दैनिक खपत का औसतन 8 फीसदी हिस्सा स्वर्ण ज्वैलरी और सिक्कों पर
खर्च किया जाता है।
2014
में लगभग पूरे
वर्ष सरकार की ओर से सोने के आयात पर प्रतिबंधों के बावजूद शादी-विवाद को लेकर
खरीदारी की वजह से देश में इसकी मांग बनी रही। परन्तु मूल्य के रुप में सोने की
मांग में 19
फीसद की
गिरावट आई है। 2014
में 2,08,979.2 करोड़ रुपये मूल्य का सोना आया।
जबकि 2013
में इसका
मूल्य 2,57,211.4
करोड़ था।
चीन में साल दर साल सोने की मांग 33 फीसद घटी है। पिछले दस साल में भारत और चीन में सोने की संयुक्त मांग
की मात्रा 71
फीसद बढ़ी
है।
रिपोर्ट
के मुताबिक पिछले साल दोनों बड़े उपभोक्ता देशों में सोने की मांग मे कमी आई।
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग जहां 5 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई
वहीं भारत में इसमें 14 प्रतिशत तथा चीन में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। राजकोषीय घाटे को काबू में लाने के
उद्देश्य से सरकार द्वारा सोने के आयात पर लगाई गई पाबंदियों से देश में सोने की
मांग में कमी आई है।
डब्ल्यूजीसी
की रिपोर्ट के अनुसार, सोने को एक निवेश विकल्प के रूप में देखने के नजरिए में कमी
आई है। इसमें 50
फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीते वर्ष
निवेश के लिहाज से सोने में 180.6 टन सोने की खरीदारी की गई।
यह 2013 में हुई 362.1 टन की निवेश
खरीद के मुकाबले करीब आधी है।
केरल
में गोल्ड लोन देनी वाली तीन कंपनियों के पास दुनिया के कई धनी देशों के गोल्ड
रिजर्व से भी अधिक मात्रा में सोना है। इन कंपनियों के नाम हैं मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम
फाइनेंस और मुथूट फिनकॉर्प। तीनों कंपनियों के पास मिलाकर करीब 200 टन सोने के आभूषण हैं। यह सिंगापुर, स्वीडन और
ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड रिजर्व से भी अधिक है। गोल्ड लोन देने वाली केरल के सबसे
बड़ी कंपनी मुथूट फाइनेंस के पास ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया,
डेनमार्क और कुवैत से भी ज्यादा सोना है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के
मुताबिक, दुनिया में गोल्ड रिजर्व के मामले में भारत का 11वां स्थान है। भारत का कुल गोल्ड रिजर्व 558 टन है।
अमेरिका इस मामले में 8134 टन सोने के साथ पहले स्थान पर है।
वहीं जर्मनी 3,384 सोने के साथ गोल्ड रिजर्व के मामले में
दूसरे स्थान पर है।
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