भारत अमेरिकाः दिल्‍ली मैत्री घोषणा
भारत के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत की यात्रा की।गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा थी। ओबामा की इस यात्रा के दौरान असैन्य परमाणु करार, आर्थिक विकास, उच्‍च प्रौद्योगिकी, रक्षा सहयोग, स्‍वच्‍छ ऊर्जा लक्ष्‍य एवं सहयोग, अंतरिक्ष एवं स्‍वास्‍थ्‍य सहयोग,जलवायु परिवर्तन  जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
आर्थिक विकास

v  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि सतत द्विपक्षीय सहयोग से निवेश के लिए अवसरों में वृद्धि होगी, द्विपक्षीय व्‍यापार एवं निवेश संबंधों में सुधार होगा तथा इससे दोनों देशों में नौकरियां सृजित होंगी और समृद्धि आएगी। दोनों पक्षों ने दोहा अधिदेश की भावना के तहत बाली पश्‍चात कार्य योजना को अंतिम रूप देने पर सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
v  अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ व्यापार के लिए 4 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की। उसमें 2 बिलियन डॉलर अक्षय ऊर्जा के लिए और 1 बिलियन डॉलर छोटे और मध्यम उपक्रमों के लिए है।
v  तीन स्‍मार्ट शहरों अजमेर (राजस्‍थान), इलाहाबाद (उत्‍तर प्रदेश) और विशाखापत्‍तनम (आंध्र प्रदेश) के विकास के लिए सहयोग पर सहमति व्यक्त की गई।
v  दोनों नेताओं ने कौशल प्रमाणन मानकों के लिए गुणवत्‍ता आश्‍वासन प्रणालियां स्‍थापित करने से लेकर अनेक क्षेत्रों में कौशल विकास में सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने, कौशल विकास केंद्र स्‍थापित करने, सामाजिक उद्यमशीलता को बढ़ावा देने एवं पोषित करने तथा नवाचार एवं उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्धता की।
v  भारत के महत्‍वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को लागू करने में सहयोग करने तथा वाणिज्यिक सहयोग का विस्‍तार करने के लिए सहमति, जिसमें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश भागीदारी को प्रोत्‍साहित करना शामिल है।
v  दोनों देशों के परस्‍पर लाभ के लिए बौद्धिक संपदा पर गठित उच्‍च स्‍तरीय कार्य समूह के तहत 2015 में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर भागीदारी बढ़ाने पर सहमति
v  भारत रेल अवसंरचना को बढ़ाने तथा इसमें प्रौद्योगिकीय सहयोग हेतु यूएस व्‍यापार एवं विकास एजेंसी तथा भारतीय रेल के बीच तकनीकी सहयोग पर सहमति
v  सार्वजनिक - निजी भारत - यूएस नागर विमानन साझेदारी माध्‍यम से एक विस्‍तृत वाणिज्यिक भागीदारी एजेंडा विकसित करने के लिए सहमति 
v  भारतीय विश्‍वविद्यालयों में 1000 विजिटिंग यूएस शिक्षाविदों द्वारा अल्‍प अवधि के शिक्षण एवं अनुसंधान कार्यक्रमों को सुगम बनाने के लिए भारत की वैश्विक शैक्षिक नेटवर्क पहल (GIAN) के माध्‍यम से सहयोग पर सहमति
v  अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संस्‍थाओं को सुदृढ़ करने के महत्‍व पर जोर दिया जिसमें अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष भी शामिल है। राष्‍ट्रपति ओबामा ने अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संस्‍थाओं में भारत का प्रतिनिधित्‍व एवं वोट बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की कि अवसंरचना वित्‍त पोषण के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों के माध्‍यम से संसाधन उपलब्‍ध कराए जाएंगे तथा रचनात्‍मक ढंग से उनका उपयोग किया जाएगा।
उच्‍च प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष एवं स्‍वास्‍थ्‍य सहयोग
v  विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं नवाचार साझेदारी, खाद्य, पानी, ऊर्जा, जलवायु एवं स्‍वास्‍थ्‍य जैसे क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण चुनौतियों से निपटने तथा उनका किफायती, सुगम एवं अनुकूलनीय नवाचारी समाधान तैयार करने और दोनों देशों के लोगों की आवश्‍यकताओं को पूरा करने तथा वैश्विक समुदाय को लाभ पहुंचाने हेतु पारस्परिक सहयोग पर सहमति, जिसमें मानव स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण पर पानी, वायु प्रदूषण, सेनिटेशन एवं साफ-सफाई के प्रभावों का अध्‍ययन शामिल है।
v  मानसून मॉडलिंग में भारत - यूएस सहयोग जारी रखने पर सहमति हुई तथा मानव क्षमता निर्माण को सुगम बनाने के लिए एक भारत - यूएस जलवायु फेलोशिप आरंभ करने की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्‍यकता पर जोर दिया गया। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित में महिलाओं की भागीदारी सुदृढ़ करने के लिए चल रहे प्रयासों के महत्‍व की भी पुष्टि की गई
v  अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत एवं संयुक्‍त राज्‍य के बीच सहयोग एवं वाणिज्यिक संबंधों को और बढ़ावा देने पर सहमति। इसरो के मंगल आर्बिटर मिशन तथा नासा के मंगल एटमास्फियर एंड वोलेटाइल एवोल्‍यूशन मिशन (MAVEN) के बीच संभावित समन्वित प्रेक्षण एवं विश्‍लेषण हेतु इसरो - नासा मंगल कार्य समूह की पहली फेस - टू - फेस बैठक 29 से 31 जनवरी, 2015 को आयोजित की गई। भारत - यूएस असैन्‍य अंतरिक्ष संयुक्‍त कार्य समूह के माध्‍यम से अंतरिक्ष सहयोग बढ़ाने की दिशा में सतत प्रगति का भी स्‍वागत किया गया।
v  वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा एजेंडा (GHSA) के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई तथा संक्रामक बीमारियों का फैलाव रोकने के लिए एक रोडमैप के विकास का प्रस्ताव किया गया
v  दोनों देशों ने एंटी माइक्रोबियल रेसिसटेंस (AMR) के उद्भव एवं प्रसार को रोकने तथा संक्रामक बीमारियों के खतरों से तैयार रहने में स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के प्रशिक्षण में सहयोग के लिए बहुक्षेत्रक कार्रवाई के लिए भी प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की।
v  दोनों देश कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण एवं प्रबंधन पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने सहमत हुए।
असैन्य परमाणु करार
v  असैन्य परमाणु समझौते के व्यावसायिक परिचालन की राह में परमाणु सामग्री/उपकरणों की निगरानी और जवाबदेही से संबंधित प्रावधान एक बड़ी बाधा के रुप में विद्यमान थे। परमाणु समझौते की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने पर सहमति बन गई है। समझौते के तहत असैन्‍य परमाणु बाध्‍यता तथा 123 करार के कार्यान्‍वयन के लिए प्रशासनिक व्‍यवस्‍था पर सहमति व्यक्त की गई। जिसके तहत बीमा पूल बनाएं जाएंगे, जिसमें चार बड़ी बीमा कंपनियां शामिल होंगी। बीमा पूल के तहत चार बड़ी सार्वजनिक कंपनियां 750 करोड़ का एक फंड बनाएंगी और बाकी के 750 करोड़ का भार सरकार पर होगा। इस पूल की कुल राशि 1500 करोड़ रुपये होगी। दुनिया में कई देशों ने अपने यहां प्लांटों में कोई हादसा होने पर ऐसे 26 इश्योरेंस पूल बनाए हैं। इसके साथ ही न्यूक्लियर मटीरियल की ट्रैकिंग की शर्त अमेरिका ने वापस ले ली है। 2008 से अटके पड़े इस समझौते की राह में अब कोई रुकावट नहीं है।इस समझौते से परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में कंपनियों के लिए निवेश करना आसान हो जाएगा। ओबामा ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का सदस्य बनाने में सहयोग का आश्वासन भी दिया है।

रक्षा एवं होमलैंड सुरक्षा सहयोग

v  रक्षा ढांचा समझौते का अगले दस वर्षों के लिए नवीनीकरण किया गया है और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल शुरू की गई है। रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पहल (DTTI) के तहत पथ-प्रदर्शक परियोजनाओं के रूप में चार परियोजनाओं पर सहमति हुई है : (1) अगली पीढ़ी के रावेन मिनिस यू ए वी, (2) सी-130 के लिए रोल ऑन रोल ऑफ किट्स, (3) मोबाइल इलेक्ट्रिक हाइब्रिड पावर सोर्स, (4) यूनीफार्म इंटीग्रेटेड प्रोटेक्‍शन इंसेबल इंक्रीमेंट-2। एयरक्राफ्ट कैरियर टेक्‍नालॉजी का पता लगाने, साझा करने एवं डिजाइन करने तथा जेट इंजन प्रौद्योगिकी का विकास करने के लिए भी एक कार्य समूह पर सहमति हुई है।
v  दोनों देशों ने रक्षा संबंध की नींव के रूप में द्विपक्षीय सैन्‍य संबंधों के महत्‍व को स्‍वीकार किया तथा अभ्‍यास, सैन्‍य कर्मियों के आदान - प्रदान एवं रक्षा वार्ता के माध्‍यम से भागीदारी के अतिरिक्‍त अवसरों का पता लगाने के लिए सहमति व्यक्त की।
v  दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी सहयोग एवं साझेदारी, सह उत्‍पादन एवं सह विकास को शामिल करने के लिए दोतरफा रक्षा भागीदारी की आवश्‍यकता को स्‍वीकार किया। रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग के नए क्षेत्रों के विकास में रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्‍यापार पहल (DTTI) के सतत महत्‍व पर जोर दिया, जिसमें सह उत्‍पादन एवं सह विकास शामिल है।
v  रक्षा क्षेत्र में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश नीति व्‍यवस्‍था को उदार बनाने संबंधी भारत की पहलों का स्‍वागत किया तथा भारत में एक रक्षा औद्योगिक बेस स्‍थापित करने के भारत के प्रयासों में सहयोग करने पर सहमति हु जिसमें 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों के माध्‍यम से सहयोग शामिल है।
v  द्विपक्षीय नौसैन्‍य अभ्‍यास मालाबार को अपग्रेड करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई
v  दोनों पक्षों ने आतंकवाद, स्‍वापक पदार्थ, दुर्व्‍यापार, वित्‍तीय एवं आर्थिक जालसाजी, साइबर अपराध तथा राष्‍ट्रपारीय संगठित अपराध जैसे राष्‍ट्रपारीय आपराधिक खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रत्‍यर्पण एवं परस्‍पर कानूनी सहायता के क्षेत्रों में अपनी - अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ते सहयोग को और बढ़ाने की प्रतिज्ञा की। आतंकियों के सुरक्षित आश्रयों एवं अवसंरचना का उन्‍मूलन करने, आतंकी नेटवर्क एवं उनके वित्‍त पोषण को ध्‍वस्‍त करने तथा आतंकियों के सीमा पारीय मूवमेंट पर रोक लगाने का आह्वान किया गया। साइबर खतरों से संबंधित सूचना की प्रचालनात्‍मक साझेदारी बढ़ाने, साइबर स्‍पेस में अंतर्राष्‍ट्रीय कानून को लागू करने के तरीकों की जांच करने तथा जिम्‍मेदार राज्‍य आचरण के मानदंडों पर सहमति का निर्माण करने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमति हु

स्‍वच्‍छ ऊर्जा लक्ष्‍य एवं सहयोग

v  अमरीकी विकास और निवेश एजेंसी भारत को अक्षय ऊर्जा में सहयोग के लिए 200 करोड़ डॉलर मुहैया कराएगी
v  राष्‍ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने स्‍वच्‍छ ऊर्जा अनुसंधान, विकास, विनिर्माण एवं तैनाती का विस्‍तार करने के महत्‍व पर जोर दिया, जिससे ऊर्जा तक पहुंच में वृद्धि होगी और ग्रीन हाउस गैस का उत्‍सर्जन कम होगा। दोनों नेताओं ने लो-कार्बन अर्थव्‍यवस्‍था में भारत के संक्रमण को गति देने के लिए उपायों की घोषणा की। भारत वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्‍य बढ़ाने के अपने उद्देश्‍य के अनुरूप बिजली उत्‍पादन में नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग का शेयर बढ़ाने का इरादा रखता है। संयुक्‍त राज्‍य स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर सहयोग में वृद्धि करके भारत के इस लक्ष्‍य में सहायता प्रदान करने का इरादा रखता है, जिसके तहत निम्‍नलिखित शामिल हैं :
Ø  सौर ऊर्जा के विद्यमान तीन अनुसंधान ट्रैकों के लिए वित्‍त पोषण प्रदान करना, ऊर्जा दक्षता का निर्माण करना तथा अतिरिक्‍त पांच साल के लिए जैव ईंधन और स्‍मार्ट ग्रिड एवं ग्रिड स्‍टोरेज पर एक नए ट्रैक को शुरू करना शामिल है।
Ø  त्‍वरित स्‍वच्‍छ ऊर्जा वित्‍त पोषण
Ø  वायु गुणवत्‍ता सहयोग शुरू करना
Ø  जलवायु अनुकूल टूल विकास शुरू करना
Ø  स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं जलवायु की पहलों को जमीनी स्‍तर पर प्रदर्शित करना : अंतरिक्ष कूलिंग, सुपर इफिसिएंट उपस्‍कर, नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण एवं स्‍मार्ट ग्रिड के क्षेत्रों में अतिरिक्‍त प्रायोगिक कार्यक्रम तथा अन्‍य सहयोगात्‍मक परियोजनाएं।
Ø  ऊर्जा सुरक्षा, स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर एम..यू. करना

जलवायु परिवर्तन 
v  अनुकूलन के उपायों पर तथा संयुक्‍त विकास एवं अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी नवाचार, अंगीकरण तथा स्‍वच्‍छ ऊर्जा एवं दक्षता समाधान के लिए डिफ्यूजन पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिससे पर्यावरण अनुकूल एवं लो-कार्बन अर्थव्‍यवस्‍था में संक्रमण के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी। 2015 में पेरिस में एक महत्‍वाकांक्षी जलवायु करार को पूरा करने के लिए साथ मिलकर तथा अन्‍य देशों के साथ काम करने के महत्‍व पर भी जोर दिया गया
वैश्विक मुद्दे तथा क्षेत्रीय परामर्श
v  राष्‍ट्रपति ओबामा ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की जिसमें भारत एक स्‍थायी सदस्‍य होगा ।
v  एशिया-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए नई दिल्ली में जारी संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण के तहत समुद्री सुरक्षा, समुद्री परिवहन एवं उस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले विमानों की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय व समुद्री विवाद का समाधान, अंतरराष्ट्रीय कानूनों/संयुक्त राष्ट्र की संधियों के अनुपालन के मुद्दे पर सहमति व्यक्त की गई
v  अन्‍य विकासशील देशों की मदद करने तथा व्‍यापक क्षेत्र एवं विश्‍व के लाभ के लिए वैश्विक विकास चुनौतियों को दूर करने के लिए अपने - अपने प्रयासों का विस्‍तार करने पर सहमति प्रकट की तथा अवसंरचना, स्‍वास्‍थ्‍य, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आपदा प्रबंधन तथा महिला अधिकारिता सहित अनेक क्षेत्रों में तीसरे देशों में विकास की चुनौतियों से निपटने में भारत - यूएस साझेदारी की प्रतिबद्धता वयक्त की
v  राष्‍ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने मध्‍य एवं दक्षिण एशिया में आर्थिक एवं परिवहन संपर्क के महत्‍व तथा सुरक्षित, स्थिर एवं समृद्ध क्षेत्र के अंग के रूप में सुरक्षित, स्थिर एवं खुशहाल अफगानिस्‍तान को बढ़ावा देने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया।
v  दोनों देशों ने व्‍यापक विनाश के हथियारों का प्रसार रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्‍व करने, अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों में परमाणु हथियारों का महत्‍व कम करने और सार्वभौमिक, सत्‍यापनीय एवं भेद-भाव रहित वैश्विक परमाणु निरस्‍त्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक साझेदारी का निर्माण करने के लिए अपने - अपने प्रयासों को सुदृढ़ करने की प्रतिज्ञा की।
v  वैश्विक अप्रसार एवं निर्यात नियंत्रण व्‍यवस्‍थाओं को सुदृढ़ करने के अपने प्रयास में दोनों देशों ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG), मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्‍यवस्‍था (MTCR), वासेनार व्‍यवस्‍था तथा आस्‍ट्रेलिया ग्रुप में भारत के चरणबद्ध प्रवेश की दिशा में काम करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की । राष्‍ट्रपति ओबामा ने संयुक्‍त राज्‍य के इस दृष्टिकोण की फिर से पुष्टि की कि भारत एम टी सी आर की अपेक्षाओं को पूरा करता है तथा एन एस जी की सदस्‍यता के लिए तैयार है और यह कि संयुक्‍त राज्‍य इन चारों व्‍यवस्‍थाओं में भारत के जल्‍दी से आवेदन एवं अंतिम रूप से सदस्‍यता का समर्थन करता है।


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