भारतीय नागरिकता क़ानून में परिवर्तन
प्रवासी भारतीय दिवस से पहले भारत सरकार ने नागरिकता अधिनियम में संशोधन कर एक अध्यादेश नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-2015 (Citizenship (Amendment) Ordinance, 2015)  पारित किया है. राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने जनवरी, 2015 से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-2015 को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है. इसके तहत भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) और भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) योजनाओं का विलय कर दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का सात महीने में यह नौवां अध्यादेश था. उन्होंने पीआईओ और ओसीआई को विलय करने का वादा विदेशों में भारतीय मूल के लोगों से अपने अमरीकी दौरे में किया थाजो पूरा हो गया है.
अध्यादेश से भारतीय मूल के लोगों को फ़ायदे
§  पीआईओ वीज़ा अब तक 15 साल के लिए ही दिया जाता था. अब यह आजीवन होगा. उसी तरहजैसे ओसीआई वीज़ा होता है.
§  पीआईओ वीज़ा हासिल करने वालों को भारत में छह महीने से अधिक रहने पर पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी होती थी. हर छह महीने पर वापस भारत लौटने के बाद उन्हें पुलिस स्टेशन का चक्कर लगाना पड़ता था. अब उन्हें पुलिस स्टेशन का चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. ओसीआई कार्ड रखने वालों को पहले से ही इसमें छूट मिली हुई है.
§  पीआईओ कार्डधारी भी अब भारत में ज़मीन-जायदाद खरीद सकते हैं. उसी तरहजैसे ओसीआई कार्ड रखने वाले करते हैं.
§  वह धारा ख़त्म कर दी गई हैजिसके तहत भारतीय नागरिकों से शादी करने वाले विदेशी नागरिकों के लिए भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम लगातार एक साल भारत में रहना ज़रूरी था. अब उन्हें इस एक साल में 30 दिन के लिए विदेश जाने की इजाज़त होगी.
§  पीआईओ और ओसीआई के विलय के बाद भारतीय मूल के लोगों को हमेशा के लिए भारत में रहने की इजाज़त होगी और उन्हें वो सभी अधिकार होंगे जो आम भारतीय नागरिकों को होते हैं. केवल चुनावों में भाग लेने और वोट देने की अनुमति नहीं होगी.
§  भारतीय नागरिकों के ओसीआई नाबालिग बच्चों का प्रवासी भारतीय नागरिक (Overseas Citizen of India, ओसीआई) के तौर पर पंजीकरण की शर्तों को उदार बनाया जाएगा. ऐसे नागरिकों के बच्चों या पोता-पोतियों अथवा पड़ पोता-पोतियों के लिए प्रवासी भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकरण का अधिकार होगा.
भारतीय नागरिकता अधिनियम-1955 
भारतीय नागरिकता अधिनियम-1955 में भूमि अधिग्रहणकार्यमुक्तिसंकटभारतीय नागरिकता की पहचान और अन्य संबंधित प्रावधान हैं. इस अधिनियम के तहत जन्मपीढ़ीपंजीकरणविशेष परिस्थितियों में स्थान का विलय या किसी स्थान में शामिल किये जाने के साथ ही नागरिकता समाप्त होने और संकट के समय में भी भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है.



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