दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना(DDUGJY) में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीयकरण योजना का विलय
योजना के तत्व
·          दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना  को 20 नवंबर, 2014 को प्रारंभ किया गया।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
·          यह परियोजना सब को बिजली के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना राज्यों में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत को भी बढ़ाएगा।
·          इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ सुलभ बनाने के लिए कृषि और गैरकृषि फीडर सुविधाओं को अलग अलग किया जाएगा।
·          ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण और उप पारेषण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा जिसमें वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्‍ताओं के लिए मीटर लगाना सम्मिलित होगा।
·          योजना के अंतर्गत दोनों घटकों की कुल अनुमानित लागत 43,033 करोड़ रूपये है जिसमें पूरे क्रियान्‍वयन अवधि के लिए भारत सरकार द्वारा 33,453 करोड़ रूपये की बजट सहायता भी शामिल है।
·          दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण की अवधि में सुधार होगा। इसके साथ ही अधिक मांग के समय में लोड में कमी, उपभोक्‍ताओं को मीटर के अनुसार खपत पर आधारित बिजली बिल में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अधिक सुविधा दी जा सकेगी।
·          आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा अगस्‍त 2013 में स्‍वीकृत ग्रामीण विद्युतीयकरण से संबंधित शेष कार्य के लिए वर्तमान में 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजनाओं के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीयकरण योजना (RGGVY) के चल रहे कार्यों को दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित किया जाएगा।

योजना के लाभ
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के घंटों में सुधार में।
पीक लोड में कमी।
मीटर की खपत पर आधारित बिल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार। 
ग्रामीण परिवारों तक बिजली की पहुंच प्रदान करने में। 

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