जून 2015 तक 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शीर्ष 25 शहरों में चुनिंदा सार्वजनिक स्थानों पर वाईफाई सेवाएं शुरू करने पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है।इसके लिए तीन-चार सेवा प्रदाताओं का पैनल बनाया जाएगा। इस योजना पर दूरसंचार विभाग और शहरी विकास मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए दूरसंचार कंपनियों को सेवा शुरू करने के लिए खरीद आदेश स्वीकार करने की तिथि से लेकर तीन महीने तक का समय दिया जा सकता है। सरकार नेटवर्क शुरू करने वालों के लिए स्थानीय विभागों से जुड़ी अनिवार्य मंजूरी भी प्राप्त करने में मदद करेगी।
यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है जिसके तहत सरकार ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों एवं पर्यटन गंतव्यों को दिसंबर 2015 तक वाईफाई सेवाओं के दायरे में लाने की योजना बनाई है। सरकार ने अलग से 25 पुरातात्विक धरोहरों को भी चुना है जहां मुफ्त वाईफाई सेवा प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि विदेशी यात्री भी इंटरनेट संपर्क में रहें। इसके अलावा वाईफाई वाले स्थान में दूरसंचार नेटवर्क पर बोझ कम रहेगा।
इन धरोहरों में शामिल हैं-
· दिल्ली - हुमायूं का मकबरा, लाल किला, कुतुब परिसर
· उत्तर प्रदेश - ताज महल, फतेहपुर सीकरी तथा सारनाथ
· तमिलनाडू - महाबलीपुरम के तटीय मंदिर
· बिहार - वैशाली-कोहुआ
· जम्मू और कश्मीर - मार्तंड मंदिर तथा लेह महल
· ओड़िशा - कोणार्क मंदिर
· गुजरात - रानी की वाव
· मध्य प्रदेश - खजुराहो और मांडू
· असम - रंग घर
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम भारत सरकार की एक नई पहल है जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। 20 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में करीब एक लाख करोङ रुपये मूल्य की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हो और लोगों को नवीनतम सूचना व संचार प्रौद्योगिकी का लाभ मिले। इसके माध्यम से सरकारी व प्रशासनिक सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ-साथ सार्वजनिक जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी विभाग की परिकल्पना है। यह कार्यक्रम 2018 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। डिजिटल इंडिया का विज़न तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केन्द्रित है। ये हैं– हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचा, मांग पर संचालन व सेवाएं और नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण।
डिजिटल इंडिया का विजन क्षेत्र:
1. प्रत्येक नागरिक के लिए सुविधा के रूप में बुनियादी ढांचा
- मुख्य सुविधा के रूप में हाई स्पीड इंटरनेट सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्धकराया जाएगा।
- अनोखी, आजीवन, ऑनलाइन और प्रमाणन योग्य डिजिटल पहचान
- मोबाइल फोन और बैंक एकाउंट व्यक्तिगत स्तर पर डिजिटल और वित्तीयरूप में भागीदारी में समर्थ बनाएंगे।
- स्थानीय स्तर पर सामान्य सेवा केंद्र तक आसान पहुंच
- पब्लिक क्लाउड में साझा करने योग्य निजी स्थान
- देश में सुरक्षित साइबर स्पेस
2. गवर्नेन्स और मांग पर सेवाएं:
- सभी लोगों को आसान एवं सिंगल विंडो एक्सेस उपलब्ध कराने के लिएविभागों या अधिकार क्षेत्रों तक निर्बाध समेकन
- ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफार्म से रीयल टाइम में सरकारी सेवाएं उपलब्ध
- सुगम एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए सभी नागरिकों को क्लाउड परउपलब्ध कराने का हक
- इलेक्ट्रानिक और कैशलेस वित्तीय लेनदेन
3. डिजिटल सशक्त नागरिक:
- सबको डिजिटल साक्षर बनाना
- सभी डिजिटल संसाधन सबको सुगम-सुलभ कराना
- सभी सरकारी कागजात/प्रमाणपत्र क्लाउड पर उपलब्ध कराए जाएंगे
- भारतीय भाषाओं में डिजिटल संसाधन/सेवाओं की उपलब्धता
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्य
1. ब्राडबैंड हाइवेज
2. मोबाइल कनेक्टिविटी सबको सुगम-सुलभ कराना
3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम
4. ई-गवर्नेन्स: प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना
5. ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी
6. सबके लिए जानकारी
7. इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण
8. रोजगारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी
9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स
2. मोबाइल कनेक्टिविटी सबको सुगम-सुलभ कराना
3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम
4. ई-गवर्नेन्स: प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना
5. ई-क्रांति – सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी
6. सबके लिए जानकारी
7. इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण
8. रोजगारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी
9. अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स
डिजिटल ड्रीम (2019 तक)
- 3 लाख गांवों में ब्रॉड बैंड
- 4 लाख स्कूलों में वाई - फाई
- 10 लाख से ऊपर के सभी शहर और टूरिस्ट सेंटरों पर वाई - फाई की व्यवस्था
- सरकारी ऑफिसों में काम को 75 पर्सेंट पेपरलेस करना
- 5 लाख पब्लिक सेंटरों पर इंटरनेट की व्यवस्था -1 लाख करोड़ होंगे खर्च
- विकसित देशों में इंटरनेट का जीडीपी में योगदान 2 फीसदी
- भारत में इंटरनेट का जीडीपी में मौजूदा योगदान 1 फीसदी
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