नौवीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक
नौवीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक (EAS) नाय पी ताव, म्‍यांमार में 13 नवंबर, 2014 को हुई। इस शिखर बैठक की अध्‍यक्षता म्‍यांमार संघ गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति महामहिम यू थेन सेन द्वारा की गई तथा इसमें आसियान के सदस्‍य देशों, आस्‍ट्रेलिया, चीन जनवादी गणराज्‍य, भारत गणराज्‍य, जापान, कोरिया, न्‍यूजीलैंड, रूसी परिसंघ तथा संयुक्‍त राज्‍य अमरीका के राष्‍ट्राध्‍यक्षों / शासनाध्‍यक्षों ने भाग लिया।

1.      साझे क्षेत्रीय सरोकार के राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर इस क्षेत्र के समक्ष मौजूद अनेक जटिल चुनौतियों पर सामरिक वार्ता एवं सहयोग के लिए एक नेता नीत मंच के रूप में पूर्वी एशिया शिखर बैठक के महत्‍व की फिर से पुष्टि की गई । पूर्वी एशिया शिखर बैठक के अधिदेश के लिए अपनी प्रतिबद्धता तथा इसके प्राथमिकता के क्षेत्रों अर्थात् वित्‍त, पर्यावरण एवं ऊर्जा, शिक्षा, वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य मुद्दों तथा स्‍थानीय बीमारियों, आपदा प्रबंधन तथा आसियान संयोजकता में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

2.               आसियान समुदाय निर्मित करने की प्रक्रिया के लिए समर्थन की फिर से पुष्टि की गई तथा 2015 के अंत तक आसियान समुदाय के स्‍थापित हो जाने की उम्‍मीद व्‍यक्‍त की गई।

3.      हनोई घोषणा 2010 में प्रतिपादित उद्देश्‍यों के अनुरूप  ई ए एस(EAS) प्रक्रिया को और सुदृढ़ करने एवं समेकित करने की उम्‍मीद की गई। आसियान सचिवालय को सुदृढ़ करने तथा आसियान के अंगों की समीक्षा करने पर घोषणा का स्‍वागत किया गया ।

4.       पूर्वी एशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की गई। इस प्रयोजन के लिए ब्रुनेई, रूसी परिसंघ तथा इंडोनेशिया में क्षेत्रीय सुरक्षा वास्‍तुशिल्‍प पर आयोजित तीन कार्यशालाओं के आयोजन को नोट किया गया।

वित्‍त
5.      एशिया के अंतर क्षेत्रीय व्‍यापार एवं वित्‍तीय एकीकरण के त्‍वरित विस्‍तार को स्‍वीकार करते हुए  वित्‍त के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के महत्‍व को रेखांकित किया गया। विशेष रूप से,  पूरे क्षेत्र में अवसंरचना संबंधी संयोजकता की सहायता के लिए निजी क्षेत्र के वित्‍त पोषण को आकर्षित करने के तौर-तरीकों का पता लगाने में रूचि व्‍यक्‍त की गई।

पर्यावरण एवं ऊर्जा
6.       जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के महत्‍व पर जोर दिया गया। इस संबंध में, 2015 में पेरिस में जलवायु परिवर्तन में संयुक्‍त राष्‍ट्र रूपरेखा (यू एन एफ सी सी सी) के पक्षकारों के 21वें सम्‍मेलन (सी ओ पी 21) में कानूनी बल के साथ एक प्रोटोकॉल, एक अन्‍य कानूनी लिखत या कोई सहमत परिणाम प्राप्‍त करने की दिशा में साथ मिलकर निकटता से काम करने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की गई।

7.       इंडोनेशिया गणराज्‍य, जापान, कंबोडिया तथा संयुक्‍त राज्‍य अमरीका द्वारा संयुक्‍त रूप से 28 फरवरी से 1 मार्च, 2014 के दौरान इंडोनेशिया में आयोजित पर्यावरणीय दृष्टि से संपोषणीय शहर पर पांचवें उच्‍चस्‍तरीय सेमिनार के परिणामों नोट किया गया। पूर्वी एशिया जलवायु परिवर्तन अनुसंधान एवं अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग केंद्र की स्‍थापना में चीन द्वारा की गई प्रगति की भी सराहना की गई।

शिक्षा
8.      उन कार्यक्रमों की सराहना की गई जिनका उद्देश्‍य पूर्वी एशिया क्षेत्र में, विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में जन दर जन संपर्क को बढ़ाना है।

9.       आस्‍ट्रेलिया सरकार की नई कोलंबो योजना (एन सी पी) तथा 2015 से आसियान के सभी सदस्‍य देशों में इसके विस्‍तार का स्‍वागत किया गया। नई कोलंबो योजना शिक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए आस्‍ट्रेलिया तथा इस क्षेत्र के बीच छात्रों की दो तरफा गतिशीलता बढ़ाने में मदद करेगी। विदेशों में पढ़ाई करने के लिए जापान सरकार की छात्रवृत्ति तथा टोबिटेट यानी युवा राजदूत कार्यक्रम का भी स्‍वागत किया गया जो छात्रों की गतिशीलता को बढ़ावा देगा।

10.     राजगीर, भारत में 16 सितंबर, 2014 को नालंदा विश्‍वविद्यालय के उद्घाटन का स्‍वागत किया गया। इस परियोजना के लिए भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की गई तथा इस विश्‍वविद्यालय को एक गैर राज्‍य, गैर लाभ तथा स्‍वशासी अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍कृष्‍टता संस्‍थान के रूप में स्‍थापित करने के लिए भारत के प्रस्‍ताव को नोट किया गया ।

वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े मुद्दे तथा स्‍थानीय बीमारी
11.     पश्चिमी अफ्रीका के कुछ भागों में इबोला वायरस बीमारी (ई वी डी) के अभूतपूर्व प्रकोप के बारे में गहरी चिंता व्‍यक्‍त की गई। इबोला वायरस बीमारी के प्रकोप पर क्षेत्रीय प्रत्‍युत्‍तर पर एक संयुक्‍त वक्‍तव्‍य को अपनाया गया। मलेरिया नियंत्रण तथा मलेरियारोधी दवाओं की प्रतिरोधकता पर क्षेत्रीय प्रत्‍युत्‍तरों पर 7वीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक की घोषणा की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

आपदा प्रबंधन
12.            आपदा जोखिम कटौती में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग को और सुदृढ़ करने के महत्‍व को रेखांकित करते हुए 14 से 18 मार्च, 2015 के दौरान सेंदई, जापान में आपदा जोखिम कटौती पर आयोजित होने वाले तीसरे विश्‍व सम्‍मेलन के लिए घनिष्‍ठता से सहयोग करने तथा सक्रियता से भाग लेने का आह्वान किया गया।


क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण
13.     पूर्वी एशिया क्षेत्र में क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में और वृद्धि से संबंधित प्रयासों को प्रोत्‍साहित किया गया। यह नोट करते हुए कि ई ए एस प्रतिभागी देशों में विश्‍व की आधे से अधिक आबादी रहती है तथा वैश्विक जीडीपी में इनका योगदान 50प्रतिशत से अधिक है,  इस क्षेत्र में लोगों के आर्थिक कल्‍याण का सुनिश्‍चय करने के महत्‍व को रेखांकित किया गया।

निरस्‍त्रीकरण एवं अप्रसार
14.     शांति एवं सुरक्षा के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने तथा परमाणु हथियारों एवं व्‍यापक विनाश के सभी हथियारों से विश्‍व को मुक्‍त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तथा ई ए एस एजेंडा के अंग के रूप में अप्रसार एवं निरस्‍त्रीकरण को शामिल किए जाने का स्‍वागत किया गया।

समुद्री सुरक्षा एवं सहयोग
15.             यह स्‍वीकार किया कि समुद्री सुरक्षा बढ़ाना इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने का एक प्रमुख घटक है। नौवहन की आजादी, बाधारहित विधिसम्‍मत वाणिज्‍य तथा समुद्र के कानून पर संयुक्‍त राष्‍ट्र अभिसमय (यू एन सी एल ओ एस) 1982 सहित अंतर्राष्‍ट्रीय कानून के सार्वभौमिक रूप से स्‍वीकृत सिद्धांतों के अनुसरण में बल के प्रयोग या बल प्रयोग की धमकी का सहारा लिए बगैर शांतिपूर्ण ढंग से विवादों का समाधान करने के महत्‍व को रेखांकित किया गया।

खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य संरक्षा
16.     खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य संरक्षा सुनिश्चित करने के महत्‍व को रेखांकित किया गया। उन लोगों की आय बढ़ाने के महत्‍व को स्‍वीकार किया गया जो अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं तथा परिवहन, भंडारण एवं प्रसंस्‍करण की प्रौद्योगिकियों में निजी निवेश में वृद्धि के माध्‍यम से खाद्य के नुकसान एवं क्षति की दर कम करने की आवश्‍यकता को भी रेखांकित किया।

आतंकवाद की खिलाफत तथा राष्‍ट्रपारीय अपराध
आतंकवाद एवं इसके वित्‍त पोषण, दवाओं के गैर कानूनी दुर्व्‍यापार, आपराधिक प्रयोजनों के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग, भ्रष्‍टाचार एवं अवैध व्‍यापार, जिसमें वन्‍य जीवों का दुर्व्‍यापार एवं व्‍यक्तियों का दुर्व्‍यापार शामिल है, के खिलाफ सहयोग में और वृद्धि करने की आवश्‍यकता पर अपने विचारों को साझा किया गया।

नौवीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक और भारत
नौवीं पूर्वी एशिया शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरब की ओर देखो नीतिको पूरब में काम करो नीतिमें परिवर्तित किया गया है। पूर्वी एशिया शिखर बैठक इस नीति का एक महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ है। कोई अन्‍य मंच वैश्विक आबादी, युवा, अर्थव्‍यवस्‍था एवं सैन्‍य ताकत के इतने बड़े सामूहिक भार को एक मंच पर नहीं लाता है और न ही कोई अन्‍य मंच एशिया प्रशांत क्षेत्र में एवं पूरे विश्‍व में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए इतना महत्‍वपूर्ण है।
पिछले आठ शिखर बैठकों में, हमने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है। हमने महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। हमने वार्ता एवं सहयोग की एक संस्‍कृति एवं आदत डालनी शुरू कर दी है। इसी भावना के साथ, हमें ऊर्जा साझेदारी पर भी बड़ी पहलों की शुरूआत करनी चाहिए, उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जिसका उद्देश्‍य सभी के पहुंच के अंदर सस्‍ती एवं स्‍वच्‍छ ऊर्जा को लाना होना चाहिए।
 
इबोला ने एक बार फिर महामारियों से निपटने में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग के महत्‍व को उजागर किया है। भारत ने इबोला के विरूद्ध प्रयासों में 12 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान दिया है। हमने लाइबेरिया में संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन के अंग के रूप में 251 पुलिसकर्मी भेजे हैं ।
आपदा तैयारी एवं प्रत्‍युत्‍तर में पूर्वी एशिया शिखर बैठक द्वारा की गई पहलें सही मायने में सराहनीय हैं। हमारे क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से अनेक जटिल एवं अनसुलझे प्रश्‍न हैं, इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के बीच समझ एवं आत्‍मविश्‍वास का वातावरण सुदृढ़ करने के लिए एक गंभीर एवं स्‍थाई वार्ता की जरूरत है। परस्‍पर निर्भर एवं भूमंडलीकरण वाले विश्‍व में अंतर्राष्‍ट्रीय कानूनों एवं मानदंडों का पालन करने के अलावा कोई और विकल्‍प नहीं है। यह समुद्री सुरक्षा पर भी लागू होता है। इस वजह से, दक्षिण चीन सागर में भी शांति एवं स्थिरता के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय कानून एवं मानदंडों का पालन करना महत्‍वपूर्ण है। इसके तहत समुद्र के कानून पर 1982 का संयुक्‍त राष्‍ट्र अभिसमय भी शामिल है, जो विवादों के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारे का आधार होना चाहिए। हम यह भी उम्‍मीद करते हैं कि सर्वसम्‍मति की प्रक्रिया के माध्‍यम से दक्षिण चीन सागर पर एक आचार संहिता लागू करने में शीघ्र सफलता मिलेगी। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि साइबर एवं अंतरिक्ष संयोजकता एवं समृद्धि का स्रोत बने रहें, न कि संघर्ष के लिए नए खतरे उत्‍पन्‍न करें। आतंकवाद एवं अतिवाद की चुनौतियों में वृद्धि हुई है। दवाओं की तस्‍करी, हथियारों की तस्‍करी एवं धन शोधन के बीच घनिष्‍ठ संबंध है। इस्‍लामिक स्‍टेट पर पूर्वी एशिया शिखर बैठक की घोषणा का समर्थन किया गया । साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ व्‍यापक कार्रवाई के लिए सभी तरह के आतंकवाद के विरूद्ध सही मायने में अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारी की जरूरत पर जोर दिया गया ।

 एक संतुलित क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक साझेदारी करार को महत्व देते हुए कहा गया कि यह समान रूप से माल एवं सेवाओं पर बल देता है और क्षेत्रीय एकीकरण एवं समृद्धि के लिए स्प्रिंगबोर्ड बन सकता है।

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