सांसद आदर्श ग्राम योजना
 महत्वाकांक्षी ग्राम विकास परियोजना ‘’सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई)’’ शुरुआत 11अक्टूबर,2014(लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर) को की गई। सके तहत हर सांसद वर्ष 2019 तक तीन गांवों में बुनियादी एवं संस्थागत ढांचा विकसित करने की जिम्मेदारी उठायेंगे। मार्च 2019 तक तीन आदर्श गांवों को विकसित करने का लक्ष्य है, जिनमें से एक आदर्श गांव को वर्ष 2016 तक विकसित किया जाना है। इसके बाद पांच ऐसे आदर्श गांवों (हर साल एक गांव) का चयन किया जाएगा और उनके विकास के काम को वर्ष 2024 तक अंजाम दिया जाएगा।
योजना के मुख्य बिंदु
·          सांसद ही इस योजना के स्‍तंभ हैं। ग्राम पंचायत विकास के लिए बुनियादी इकाई होगी। इसकी आबादी मैदानी क्षेत्रों में 3000-5000 और पहाड़ी, जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों में 1000-3000 होगी। जिन जिलों में इकाई का आकार उपलब्‍ध नहीं है, वहां अपेक्षित आबादी वाली ग्राम पंचायतों का चयन किया जा सकता है। अगर हर सांसद तीन गांवों को गोद लेते हैं तो इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों के दौरान 2379 ग्राम पंचायतों का विकास किया जा सकेगा। लोकसभा में 543 सांसद और राज्‍य सभा में 250 सांसद हैं, जिनमें से 12 मनोनीत हैं। सांसद आदर्श ग्राम के तौर पर विकसित करने के लिए किसी भी उपयुक्‍त ग्राम पंचायत का चयन अपनी मर्जी से कर सकेंगे। इसमें सांसद का अपना या उनकी पत्‍नी/पति का गांव शामिल नहीं होगा। भारत में 2,65,000 ग्राम पंचायत हैं।
·          इस योजना का क्रियान्‍वयन ग्राम विकास योजना के जरिए किया जाएगा, जिसे हर चयनित ग्राम पंचायत के लिए तैयार किया जाएगा। इसके तहत हर गरीब परिवार को गरीबी के चंगुल से बाहर निकलने लायक बनाया जाएगा। इस लक्ष्‍य को पाने में जितनी भी राशि की कमी महसूस की जाएगी, उसकी पूर्ति निर्वाचन क्षेत्र कोष एमपीएलएडीसे की जाएगी। हर गांव में नियोजन की प्रक्रिया को सहभागिता के जरिए अंजाम दिया जाएगा, जिसमें समन्‍वय स्‍थापित करने का काम जिलाधिकारी करेंगे। सांसद इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे। 
·          इस योजना को सफल बनाने के लिए उन्‍नत तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ नवाचार पर भी ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा। मसलन, नियोजन के लिए अंतरिक्ष एवं सुदूर संवेदी साधनों, योजना की देख-रेख के लिए मोबाइल आधारित तकनीक, उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए कृषि तकनीक इत्‍यादि का इस्‍तेमाल किया जाएगा। 
·          इस योजना के लिए राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक अलग एवं वेब आधारित वास्‍तविक समय दर्शाने वाली मॉनीटरिंग प्रणाली स्‍थापित की जाएगी, जिसमें सभी पहलुओं को कवर किया जाएगा। मंत्रालय ग्राम पंचायतों समेत विभिन्‍न स्‍तरों पर सरकारी पदाधिकारियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया क्षमता सृजन कार्यक्रम शुरू करेगा। राज्‍य स्‍तर पर मुख्‍य सचिव की अगुवाई में एक उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति होगी, जिनमें संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के अलावा विशेषज्ञ और सिविल सोसायटी के कम-से-कम दो प्रतिनिधि भी होंगे। सांसद आदर्श ग्राम योजना के क्रियान्‍वयन के लिए जिलाधिकारी को प्रमुख अधिकारी माना गया है। वह इस योजना में शिरकत करने वाले विभागों के प्रतिनिधियों के साथ हर महीने इसकी समीक्षा करेंगे। संबंधित सांसद इन समीक्षा बैठकों की अध्‍यक्षता करेंगे।
उद्देश्य
§  इसका उद्देश्‍य गांवों में रहने वाले लोगों को उन्‍नत बुनियादी सुविधाएं और बेहतर अवसर मुहैया कराना है जिससे कि वे अपना भाग्‍य खुद बनाने में समर्थ हो सकें। महात्‍मा गांधी के सिद्धांतों एवं मूल्‍यों से प्रेरित होकर इस योजना के तहत राष्‍ट्रीय गौरव, देशभक्‍ति, सामुदायिक भावना एवं आत्‍मविश्‍वास के मूल्‍यों को अपनाने और आवश्‍यक ढांचा विकसित करने पर भी समान जोर दिया गया है। 
§   इसमें समग्र विकास का दृष्‍टिकोण अपनाया गया है। इसके तहत चयनित गांवों में कृषि, स्‍वास्‍थ्‍य, साफ-सफाई, आजीविका, पर्यावरण, शिक्षा इत्‍यादि क्षेत्रों का एकीकृत विकास किया जाएगा। एसएजीवाईके तहत न केवल ढांचागत विकास पर ध्‍यान दिया जाएगा, बल्‍कि गांवों में रहने वाले लोगों को कुछ खास मूल्‍यों को अपने जीवन में अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे अन्‍य लोगों के लिए आदर्श साबित हो सकें। जन भागीदारी, अंत्योदय, महिलाओं के साथ समानता का भाव, महिलाओं का सम्‍मान, सामाजिक न्‍याय, सामुदायिक सेवा की भावना, स्‍वच्‍छता, पर्यावरण अनुकूलता का ध्‍यान रखना, शांति व सद्भाव का ख्‍याल रखना, आपसी सहयोग, स्‍थानीय स्‍तर पर स्‍वशासन, पारिस्‍थितिकी संतुलन, आत्‍मनिर्भरता और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही इत्‍यादि इन मूल्‍यों में शामिल हैं। 
§  सांसद आदर्श ग्राम योजना का एक और अहम उद्देश्‍य मजबूत एवं पारदर्शी ग्राम पंचायतों तथा सक्रिय ग्राम सभाओं के जरिए स्‍थानीय लोकतंत्र को मजबूत करना तथा सुशासन सुनिश्‍चित करना है। इसके तहत निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्‍साहित किया जाएगा। दरअसल, इस योजना के तहत महिलाओं एवं बच्‍चों से जुड़े विशेष मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए महिला सभाओं और बाल सभाओं का आयोजन भी किया जाना है। 
§  सांसद आदर्श ग्राम योजना का एक उद्देश्‍य सभी के लिए शिक्षा सुविधाएं, वयस्‍क साक्षरता, ई-साक्षरता सुलभ कराना भी है। शिक्षा के अलावा, इन गांवों में उच्‍च गुणवत्‍ता वाली स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं भी होंगी। इससे शत-प्रतिशत टीकाकरण, शत-प्रतिशत संस्‍थागत डिलीवरी, आईएमआर तथा एमएमआर में कमी, बच्‍चों में कुपोषण की कमी की समस्‍या से निजात इत्‍यादि मिलना संभव हो पाएगा। 

§  सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सामुदायिक भागीदारी पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है। सामाजिक कार्यों को पूरा करने में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी से गांव में अन्‍य विकास कार्य भी पूरे हो सकते हैं। उदाहरणस्‍वरूप, चयनित गांव में रहने वाले सभी उम्र के लोगों में शराब पीने, धूम्रपान करने, नशीली दवाओं/तंबाकू/गुटखा इत्‍यादि का सेवन करने की प्रवृत्‍ति घट सकती है। 



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