देश
के शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार के उद्देश्य से केंद्र सरकार विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग (UGC)
और
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) को समाप्त कर उनकी जगह एक उच्च शिक्षा नियामक बनाने
जा रही है। इस नियामक का नाम हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (HEERA) रखा गया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ
कांत और हायर एजुकेशन सेक्रेटरी के.के. शर्मा के अलावा कुछ अन्य विशेषज्ञों की एक समिति
इससे संबंधित कानून को तैयार करने के लिए काम कर रही है।
UGC
और AICTE की जगह एकल नियामक लाना अब तक का सबसे
बड़ा सुधार होगा और इससे अधिकार क्षेत्र से जुड़ी सभी कमियां दूर हो जाएंगी और
इसके साथ ही ऐसे नियामकीय प्रावधान भी समाप्त होंगे जिनकी अब जरूरत नहीं है। एकल नियामक
होने से इस संस्थानों के बीच के बीच तालमेल बेहतर हो सकेगा।
प्रकार
के नियामक का विचार नया नहीं है। पिछली यूपीए सरकार में यशपाल कमिटी और नेशनल
नॉलेज कमिशन के अलावा मौजूदा सरकार की ओर से बनाई गई हरि गौतम कमेटी ने भी इसकी
सिफारिश की थी।
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