
प्रमुख पहल
v विश्वस्तरीय बनने की क्षमता रखने वाले
10 इन्क्यूबेटरों की प्रतिवर्ष पहचान कर उन्हें 10-10 करोड़ की आर्थिक मदद दी
जाएगी।
v छात्रों के लिए इनोवेशन के कार्यक्रम
शुरू किए जाएंगे। 5 लाख स्कूलों के 10 लाख बच्चों पर फोकस किया जाएगा।
v अटल इनोवेशन मिशन (AIM) की शुरुआत की जाएगी जिसके तहत इनोवेशन को
बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
v स्टार्ट अप की संपत्ति बेचकर नए
स्टार्ट अप में लगाने वालों को पूंजीगत लाभ टैक्स से मुक्ति दी जाएगी। यह छूट
सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी।
v स्टार्ट अप को तीन साल तक आयकर से छूट
दी जाएगी।
v स्टार्ट अप के लिए एक राष्ट्रीय ऋण
गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500
करोड़ रुपये का बजट आबंटन किया जाएगा।
v वित्तपोषण के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का एक फंड
बनाया जाएगा। इसमें हर साल 2500 करोड़ रुपए का फंड स्टार्ट अप को दिए जाएंगे। इस
कोष का प्रबंधन निजी क्षेत्र के पेशेवर करेंगे जबकि जीवन बीमा निगम इस कोष में सह निवेशक
होगा।
v 90 दिन के भीतर विफल स्टार्ट अप को निर्गम
विकल्प की सुविधा दी जाएगी।
v सरकारी खरीद में स्टार्ट अप को बढ़ावा
देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
v देश में नर्वप्रवर्तन सोच के साथ आने
वाले तकनीक आधारित इन नये उद्यमों के लिये एक उदार पेटेंट व्यवस्था लाई जाएगी। पेटेंट
के लिए निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, पंजीकरण शुल्क में 80% छूट दी जाएगी।
v स्टार्ट अप के लिए मोबाइल ऐप और पोर्टल
जारी होगा और उसी के जरिए आसान रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी।
v स्टार्ट अप के लिए स्व प्रमाणन की
सुविधा दी जाएगी। पंजीकरण व फॉर्म आदि आसान बनाए जाएंगे।
v स्टार्ट अप इंडिया हब बनाया जाएगा व हैंड होल्डिंग की व्यवस्था पर बल दिया जाएगा।
v श्रम और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के
लिए स्व प्रमाणन योजना लागू की जाएगी। उद्यम शुरू होने के पहले तीन साल के दौरान
कोई जांच नहीं की जाएगी।
v बायो टेक सेक्टर की मदद के लिए 5 नए
बायो क्लस्टर बनाए जाएंगे।
v महिला उद्यमियों की मदद के लिए नई
नीतियां बनाई जाएंगी।
v देश के प्रमुख शहरों में पेटेंट के लिए
कंसल्टेशन की फ्री व्यवस्था की जाएगी।
v इनोवेशन पर स्टार्ट अप को राष्ट्रीय
पुरस्कार दिया जाएगा।
स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकें। स्टार्ट अप अभियान का मकसद निचले स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
नैसकॉम
की साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्टार्ट अप के मामले में अमेरिका और
ब्रिटेन के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। साल 2010 में 480
स्टार्टअप शुरू हुए थे। साल 2011 में 525 जबकि 2012 में 590 स्टार्टअप शुरू हुए। 2013 में 680 और फिर 2014 में
805 स्टार्टअप शुरू हुए। 2015 में 1200 स्टार्टअप शुरू हुए। साल 2014 में 179 स्टार्टअप में 14500 करोड़ का
निवेश हुआ जबकि 2015 में 400 स्टार्टअप में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश हुआ है।
देश
में करीब 4200 स्टार्ट अप हैं और सरकार नई नीति के जरिए साल 2020 तक देश में 11
हजार से ज्यादा स्टार्ट अप तैयार होने की उम्मीद कर रही है। हालांकि यह अभी तय नहीं
है कि कौन-सी कंपनी स्टार्ट अप की श्रेणी में आएगी और कौन सी नहीं क्योंकि अब तक
देश में स्टार्टअप को लेकर कोई परिभाषा तय नहीं है।
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